उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही: यमुनोत्री हाईवे क्षतिग्रस्त, इतने मजदूर लापता, चारधाम यात्रा पर असर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार, 28 जून की देर रात यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से भारी तबाही मची। इस प्राकृतिक आपदा में यमुनोत्री हाईवे का लगभग 20 मीटर हिस्सा बह गया, और एक निर्माणाधीन होटल के कैंप में रह रहे 9 मजदूर मलबे और पानी के तेज बहाव में लापता हो गए।

रविवार, 29 जून को यमुना नदी के किनारे बड़कोट के पास दो मजदूरों के शव बरामद किए गए, जबकि 7 मजदूर अभी भी लापता हैं। सोमवार, 30 जून 2025 को सिलाई बैंड और यमुना तट पर खोज-बचाव अभियान जारी है। इस घटना ने चारधाम यात्रा को भी प्रभावित किया है, जिसके तहत यमुनोत्री यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, और गंगोत्री यात्रा सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के लिए जारी है।

28 जून की रात करीब 3 बजे बड़कोट तहसील के पालीगाड़-ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना हुई। इस दौरान भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक निर्माणाधीन होटल साइट पूरी तरह तबाह हो गई। कैंप में रह रहे 19 मजदूरों में से 10 को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन 9 मजदूर लापता हो गए। बड़कोट थाना प्रभारी दीपक कठेत ने बताया कि लापता मजदूर नेपाली मूल के हैं और सड़क निर्माण कार्य में लगे थे। रविवार सुबह यमुना नदी में दो शव बरामद हुए, जिनकी शिनाख्त हो चुकी है, जबकि शेष 7 मजदूरों की तलाश के लिए सघन अभियान चल रहा है।

सिलाई बैंड के पास हाईवे का 10-20 मीटर हिस्सा बह गया, और दो-तीन अन्य स्थानों पर भी मार्ग अवरुद्ध है। स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में है, और यमुना नदी में मलबे के कारण झील बन गई है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मशीनों के न पहुँच पाने के कारण झील को खोलने में चुनौतियाँ आ रही हैं।

खोज-बचाव अभियान

उत्तरकाशी पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व विभाग, और राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और एसपी सरिता डोबाल घटनास्थल पर मौजूद हैं, और आपदा परिचालन केंद्र से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। रविवार को शुरू हुआ बचाव अभियान सोमवार सुबह तक जारी है, लेकिन भारी बारिश और मलबे के कारण कार्य में बाधा आ रही है। 33 केवी बिजली लाइन बहाल कर दी गई है, लेकिन 11 केवी लाइन की मरम्मत अभी बाकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए लापता मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने स्वयं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुँचकर स्थिति का जायजा लिया।

चारधाम यात्रा पर असर

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण चारधाम यात्रा को 29 जून के लिए पूरी तरह स्थगित कर दिया गया था। सोमवार सुबह स्थिति की समीक्षा के बाद गंगोत्री यात्रा को सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के लिए शुरू किया गया, लेकिन यमुनोत्री यात्रा अभी भी रोकी गई है। जानकीचट्टी, फूलचट्टी, खरसाली, राना चट्टी, और स्यानाचट्टी में करीब 1,000 से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, और विकासनगर में तीर्थयात्रियों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था की गई है। मौसम विभाग ने 30 जून और 1 जुलाई के लिए उत्तराखंड के सात जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है, जिसके चलते यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

अन्य प्रभाव

  • कृषि और संपत्ति को नुकसान: कुथनौर और ओजरी में भारी बारिश और मलबे के कारण खेतों को नुकसान पहुँचा है। हालांकि, इन क्षेत्रों में अभी तक जनहानि या पशुहानि की कोई सूचना नहीं है।
  • यमुना नदी का जलस्तर: सिलाई बैंड और स्यानाचट्टी में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण तटवर्ती गाँवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे न जाने की सलाह दी है।
  • अन्य मार्गों पर प्रभाव: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नेताला, बिशनपुर, लालढांग, और नालूना में भूस्खलन के कारण बंद है। बद्रीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ और रुद्रप्रयाग में मलबा गिरने से मार्ग अवरुद्ध है।

प्रशासनिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने 30 जून को उधम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, और चंपावत में बाढ़ प्रबंधन के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने की योजना बनाई है। आपदा सचिव विनोद कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभिन्न परिदृश्यों के आधार पर तैयारियाँ जाँची जाएँगी।

स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता महावीर सिंह पंवार ने बताया कि बारिश और भूस्खलन ने कई गाँवों में तबाही मचाई है, और सड़कों के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा से बचने की अपील की है।

LIVE TV