पलक झपकते ही नाकाम होंगे दुश्मन के इरादे, सेनाओं को मिली ‘आकाश’ की ताकत
ओडिशा। जमीन से हवा में मार करने वाले आकाश सुपरसोनिक मिसाइल का भारत में मंगलवार को परीक्षण किया गया। ख़ास बात ये है कि आकाश सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। इस स्वदेशी मिसाइल ने एक यूएवी ‘बंशी’ को सफलतापूर्वक निशाने पर लिया। यह टेस्ट मंगलवार दोपहर चांदीपुर की एकीकृत टेस्ट रेंज में किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) द्वारा आकाश सुपरसोनिक मिसाइल को विकसित किया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक़ रेडार, टेलिमेट्री, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल और ट्रैक के आधार पर मिसाइल ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह सुपरसोनिक मिसाइल पहला स्वदेशी मिसाइल है जिसे जमीन से हवा में मार करने के लिए सेना में शामिल किया गया है”।
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रक्षा सूत्रों के मुताबिक, ‘इस टेस्ट के बाद भारत ने सतह से हवा में किसी भी मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है।’ चीन से मुकाबला करने के लिए भारत ने आकाश मिसाइल के लिए वियतनाम को भी ऑफर दिया है।
यह परीक्षण डीआरडीओ के डायरेक्टर जनरल (मिसाइल) और रक्षा मंत्री के सलाहकार जी। सतीश रेड्डी के देखरेख में किया गया। इस मौके पर डीआरडीओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। रेड्डी ने आकाश मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सेना को बधाई दी।
आकाश सुपरसोनिक मिसाइल
आकाश की मारक क्षमता लगभग 25 किलोमीटर है और यह 55 किलोग्राम तक का आयुध अपने साथ ले जा सकता है।
यह किसी भी मौसम में काम कर सकता है और मीडियम रेंज एयर टारगेट को निचले, मध्यम और ऊंचाई पर टारगेट कर सकता है।
मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज़ मिसाइल और हवा से जमीन पर वार करने वाले बलिस्टिक मिसाइलों को भी आसानी से निशाना बना सकता है।
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इसका सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कई तरफ से आते खतरों को एकसाथ आसानी से निशाना बनाया जा सके।
इस मिसाइल में रैमजेट रॉकेट सिस्टम इस्तेमाल किया गया है जो ऑटोपायलट सिस्टम से लैस है। इससे इस मिसाइल की मारक क्षमता और अधिक सटीक हो जाती है।