बजट सत्र के शुरू होते ही मिले संकेत, इसी साल होंगे लोकसभा चुनाव!

नई दिल्ली| बीजेपी पिछले कुछ समय से केंद्र और राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की बात कहती आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात पर अपनी सहमति जाहिर कर चुके हैं. पीएम द्वारा दिए गये हाल फिलहाल के इंटरव्यू में इस बात पर आशंका व्यक्त की जा रही थी. प्रधानमंत्री ने अपनी इस बात पर तर्क मजबूत करते हुए कहा था कि भारत जैसे विशाल देश में हर समय किसी न किसी प्रदेश में चुनाव चल रहे होते हैं और आचार संहिता लगी होती है जिसके चलते विकास के काम रुक जाते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

बीजेपी हमेशा से केंद्र व राज्य के अलग-अलग चुनाव कराने से संसाधनों में होने वाले खर्च का विरोध करती आयी है. पीएम ने भी अलग अलग तौर पर होने वाले भारी भरकम खर्चे को विकास कार्यों में लगाने की वकालत की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी वकालत

आज बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने पहले अभिभाषण में जब सरकार की पिछले पौने चार साल की उपलब्धियां गिनाईं तो उसमें एक साथ चुनाव कराने की बात भी शामिल थी. राष्ट्रपति ने एक साथ चुनाव का पक्ष में खड़े होते हुए कहा कि हर समय चुनाव का असर विकास पर पड़ता है.

मोदी सरकार 2004 की अटल बिहारी बाजपेयी के नेत्रत्व वाली एनडीए सरकार के पदचिन्हों पर चलती मालूम पड़ती है. इसमें समय से पहले लोकसभा चुनाव कराया गया था. हालांकि इस चुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था और मनमोहन सिंह के रूप में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी.

यह भी पढ़ें : वित्त मंत्री ने पेश किया इकोनॉमिक सर्वे, अर्थव्यवस्था की रफ़्तार 6.75 फीसदी का अनुमान

राष्ट्रपति का आज का अभिभाषण और सरकार से मिल रहे संकेतों को कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियां समझने में लगी हैं. अगर ऐसा होता है तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

2018 के अंत में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. जबकि इसी साल अप्रैल में कर्नाटक और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं, अगले साल 2019 में आंध्र प्रदेश, अरुणांचल, उड़ीसा, सिक्किम, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड के विधानसभा चुनाव होने हैं.

पिछले 15 दिनों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी मोदी सरकार पर इसी साल चुनाव कराने की आशंका जाहिर की है. चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव तो काफी पहले से 2018 में लोकसभा चुनाव करने पर आशंका व्यक्त करते रहे हैं.

यह भी पढ़ें : संसद में बोले राष्ट्रपति- ‘मुस्लिम महिलाओं के लिए बदले नियम, युवाओं के लिए खोला खजाना’

इस पूरे मामले पर कंग्रेस ने विरोध जाहिर करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी अपनी रणनीति से किसी बड़े माहौल के बनने से पहले ही जीत हासिल कर दोबारा सत्ता पर काबिज होने का दांव चल सकते हैं. कांग्रेस का मानना है कि लोकसभा चुनावों के लिए साल 2019 उपयुक्त है क्यूंकि मोदी सरकार के खिलाफ बन रहे माहौल के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा.

 

LIVE TV