केंद्रीय मंत्री अठावले का बयान, दलितों पर अत्याचार रोकना है तो सवर्णों को मिले आरक्षण
नई दिल्ली। मोदी सरकार के कैबिनेट में शामिल मंत्री ने सवर्ण समाज के लोगों को आरक्षण देने की पैरवी की है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 20-25 फीसदी आरक्षण देने की बात कही है।
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केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने संविधान में संशोधन की पैरवी करते हुए कहा कि सवर्ण तबकों के गरीबों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण देने से दलितों पर अत्याचार रुक जाएगा और जाति व्यवस्था भी खत्म करने में मदद मिलेगी।
अठावले ने कहा कि राजग की बैठक के दौरान मैंने यह मुद्दा रखा था। सामान्य श्रेणी के गरीब लोगों को 20-25 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा।
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यह बैठक इस साल 10 अप्रैल को हुई थी जिसमें राजग के सभी घटक दल शामिल हुए थे। मंत्री ने गुजरात में पाटीदारों, हरियाणा में जाटों और महाराष्ट्र में मराठों के आरक्षण आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि संविधान में संशोधन करके इनको आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, ‘मेरा मानना है कि दलितों और सवर्णों के बीच संघर्ष पैदा करने का एक ही कारण आरक्षण है’। इसलिए सामान्य वर्ग के उन लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण मिलना चाहिए जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। ऐसा होने से दलितों पर अत्याचार रुक जाएगा और जाति व्यवस्था पर भी बहुत हद तक अंकुश लगेगा।
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गुजरात में पाटीदारों के आरक्षण की मांग पर अठावले ने कहा कि अगर हार्दिक पटेल को आरक्षण के लिए बात करनी थी तो उन्हें प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए। वैसे तो उच्चतम न्यायालय के आदेश की वजह से फिलहाल पटेलों को आरक्षण नहीं मिल सकता।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से बात करके क्या मिलेगा। इतने वर्षों तक सत्ता में थी तो उसने इस मुद्दे पर क्या किया। साथ ही उन्होंने कहा, ‘गुजरात चुनाव में दलित नेता जिग्नेश मेवाणी के कांग्रेस का समर्थन करने से नतीजों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।