राहुल ने हेगड़े के बयान पर संसद में की विरोध प्रदर्शन की अगुवाई

राहुल गांधीनई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के बयान को लेकर गुरुवार को संसद में विरोध प्रदर्शन की कमान संभाली। कांग्रेस के सभी सांसद हेगड़े की संविधान बदलने संबंधी बयान के विरोध राहुल की अगुवाई में लामबंद हुए। पार्टी का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से संविधान, उसकी प्रकृति व मूल्य पर क्रमबद्ध व कपटपूर्ण चाल से हमले किए जा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “कांग्रेस का आज का विरोध संविधान और उसकी प्रकृति व मूल्यों पर हो रहे क्रमबद्ध हमले को लेकर था।”

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उन्होंने कहा कि वे समाज के दबे कुचले वर्गो के अधिकारों पर भी हो रहे हमले का विरोध कर रहे हैं। सुरजेवाला ने कहा कि ये हमले भाजपा, आरएसएस और उनके मंत्री कर रहे हैं। लेकिन ‘सबका साथ सबका विकास’ की रट लगाकर यही लोग देश को भरमाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्री के बयान को अलग उदाहरण के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। इनमें से कोई आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से कम नहीं है, जिन्होंने आरक्षण को खत्म करने की वकालत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति और जनजाति उप-योजना, जो जादव कमेटी का हिस्सा थी, को समाप्त कर दिया।

सुरजेवाला ने कहा कि अनुसूचित जाति की 93 फीसदी पद खाली हैं। सरकारी नौकरियों में एससी, ओबीसी और एसटी के पद 80 फीसदी घट गए हैं। अनुसूचित जाति परियोजनाओं में 100 फीसदी की कमी आई है।

इससे पहले, बुधवार को संसद में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में विपक्ष में शामिल अन्य पार्टियों के सांसद भी शामिल हुए थे।

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केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े ने सोमवार को कर्नाटक कुकनूर में एक जनसभा में कहा था कि भाजपा ‘संविधान बदलने के लिए’ सत्ता में आई है। इसे बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं। हम ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को संविधान से हटाने जा रहे हैं।”

संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने की शपथ खाने वाले मंत्री ने कहा था, “जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं।”

49 वर्षीय केंद्रीय मंत्री ने कहा था, “अगर कोई कहता है कि मैं मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रह्मण या हिंदू हैं तो मुझे खुशी महसूस होती है, क्योंकि वे अपनी जड़ों को जानते हैं और जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, मैं नहीं जानता उन्हें क्या कहा जाए।”

आरएसएस के छुपे मिशन से पर्दा हटाने और दिल की बात जुबां पर लाने की हिम्मत दिखाने वाले कर्नाटक के भाजपा नेता ने हालांकि अब अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है।

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