
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारी बहुमत से NDA सरकार बनने के बाद सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने सत्ता पक्ष पर अपने एकमात्र विधायक को तोड़ने का गंभीर आरोप लगाते हुए खलबली मचा दी है।
पार्टी का दावा है कि कैमूर जिले की रामगढ़ सीट से जीते विधायक सतीश कुमार सिंह यादव को लगातार प्रलोभन और दबाव दिया जा रहा है। BSP के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद की मौजूदगी में बुधवार (26 नवंबर 2025) को पटना के महाराजा कॉम्प्लेक्स में हुई बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।
बिहार BSP प्रभारी अनिल कुमार ने बैठक में कहा कि सत्ता पक्ष के नेता फोन कॉल्स के जरिए संपर्क साध रहे हैं और विधायक को अपने पाले में करने की कोशिशें तेज हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतीश यादव किसी लालच या दबाव में नहीं आएंगे। पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि रामगढ़ विधायक को सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं से कई कॉल्स आए, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। BSP ने संगठन की मजबूती और विधायकों की निष्ठा पर जोर देते हुए कहा कि दल-बदल के किसी भी प्रयास का डटकर मुकाबला किया जाएगा।
रामगढ़ सीट की जीत और खतरे की आशंका
2025 विधानसभा चुनाव में BSP ने 192 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा और सिर्फ रामगढ़ से जीत हासिल की। सतीश कुमार सिंह यादव ने मात्र 30 वोटों के बेहद संकरे अंतर से BJP के अशोक कुमार सिंह को हराया। यादव ने 72,689 वोट हासिल किए, जबकि सिंह को 72,659 वोट मिले। RJD के अजित कुमार तीसरे स्थान पर रहे। यह जीत BSP के लिए ऐतिहासिक थी, लेकिन अब पार्टी को आशंका है कि सत्ता पक्ष की रणनीति से यह सीट भी खिसक सकती है।
BSP का पुराना दर्द: 2020 का चैनपुर उदाहरण
यह आरोप BSP के लिए नया नहीं है। 2020 चुनाव में कैमूर के चैनपुर से BSP के मोहम्मद जमा खान ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2021 में उन्होंने पार्टी छोड़कर JDU का दामन थाम लिया। नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बना दिया। जमा खान इस बार भी JDU टिकट पर चैनपुर से जीते और NDA सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री बने। इसी इतिहास के कारण BSP को डर है कि रामगढ़ का एकमात्र विधायक भी निशाना बन सकता है। बैठक में दल-बदल रोकने के लिए सक्रिय कदमों पर चर्चा हुई।
1 दिसंबर तक बदल सकता है समीकरण?
NDA को 202 सीटें मिलने के बावजूद, BSP का यह दावा सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सतीश यादव NDA में शामिल होते हैं, तो गठबंधन की संख्या 203 हो सकती है, जो विधानसभा में और मजबूती देगी। लेकिन BSP ने साफ कहा है कि विधायक वफादार हैं।
1 दिसंबर तक विश्वास मत के दौरान यह समीकरण बदल सकता है, क्योंकि दल-बदल कानून के तहत निर्दलीय विधायकों को छूट है। NDA ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह विपक्ष की हार की नाराजगी है।





