अधिक महिला सांसद होतीं तो तीन तलाक विधेयक पास नहीं होता : कांग्रेस सांसद

तीन तलाकनई दिल्ली। तीन तलाक विधेयक में कई कमियां बताते हुए कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने गुरुवार को कहा कि अगर लोकसभा में और अधिक महिला सांसद होतीं तो सरकार द्वारा लाया गया ‘त्रुटिपूर्ण विधेयक’ कभी पास नहीं होता। उन्होंने सवाल किया कि सरकार संसद में महिला आरक्षण विधेयक क्यों नहीं ला रही है?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद मीनाक्षी लेखी ने ‘तत्काल तलाक’ का संकेत देते हुए कहा कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं को ‘तत्काल राहत’ देने के लिए लाया गया है।

मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सुष्मिता देव ने कहा कि सरकार यह कहते हुए वैवाहिक दुष्कर्म के मुद्दे पर कानून नहीं बना रही है कि इसका दुरुपयोग हो सकता है। सुष्मिता ने पूछा कि क्या तलाक-ए-बिद्दत पर कानून का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।

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सुष्मिता ने कहा, “महिला समानता एक विचार नहीं है, बल्कि अधिकार है..पूरा देश महिला आरक्षण विधेयक का इंतजार कर रहा है, ऐसा इसलिए नहीं कि हमें आरक्षण की जरूरत है, बल्कि सदन में अगर ज्यादा महिलाएं होतीं तो इस तरह का विधेयक जिसमें बहुत से खामियां है, पारित नहीं होता।” उन्होंने कहा, “आप वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध करार दिए जाने के लिए तैयार नहीं है…तो क्या यह विधेयक मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ दुरुपयोग की संभावनाएं नहीं पैदा करता?”

विधेयक का समर्थन करने के बावजूद कांग्रेस ने विधेयक की कमियों को दूर करने के लिए इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग की, लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं हुई।

सुष्मिता ने कहा कि विधेयक में विरोधाभास है और जिक्र किया कि इसमें तीन साल की जेल का प्रावधान है, साथ ही महिला को पति से भरण पोषण के लिए अधिकार दिया गया है। देव ने सवाल किया कि कैसे एक जेल में बंद पति राशि मुहैया कराएगा? उन्होंने सरकार से इस तरह की महिलाओं को सहायता देने के लिए एक कोष बनाने की मांग की।

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उन्होंने कहा कि विधेयक का प्रावधान पति-पत्नी के बीच समाधान के हर रास्ते बंद कर देगा।

उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार को कानून लाने से पहले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार क्यों करना पड़ा, जब वह इस प्रथा को प्रतिगामी पा रही थी। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुष्मिता देव के बाद अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि तलाक एक दुखदायी प्रक्रिया है, जिसकी वजह से महिला आजीवन कष्ट झेलती है।

सांसद ने कहा, “भगवान न करे किसी महिला को तलाक से गुजरना पड़े।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इस प्रथा से तत्काल राहत देने के लिए विधेयक लाया गया है।

उन्होंने कहा, “जितनी तेजी से यह तलाक दिया जाता है, उसी तेजी से महिलाओं को राहत देने के लिए सरकार विधेयक लाना चाहती है।” उन्होंने कहा कि जब मामला तीन तलाक का है, तो फिर सुलह-सफाई की गुंजाइश ही कहां रह जाती है।

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सांसद ने कहा कि ग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया और कहा कि देश में इस्लामिक कानून को संहिताबद्ध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की है। आज हमें यह अवसर प्राप्त हुआ है। यदि आज हम इस अवसर को खो देगे तो हमें दूसरा मौका नहीं मिलेगा।”

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