
सीतापुर जिले के सिधौली कोतवाली क्षेत्र में भंडिया चौकी प्रभारी मणिकांत श्रीवास्तव और उनके हमराही सिपाही पर एक 26 वर्षीय दुकानदार सत्यपाल यादव की बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा है, जिसके बाद इलाज के दौरान बुधवार, 13 अगस्त को सत्यपाल की जिला अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने महमूदाबाद मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया।

मृतक के पिता सोबरन यादव की तहरीर पर चौकी प्रभारी और सिपाही के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर एक्स पर पोस्ट कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
सत्यपाल यादव, जसवंतपुर गांव के मजरा कटसरैया निवासी, जाफरीपुरवा में अपनी परचून की दुकान के बाहर मंगलवार रात सो रहे थे। रात करीब 12 बजे चौकी प्रभारी मणिकांत श्रीवास्तव अपने हमराही सिपाही के साथ गश्त पर थे। आरोप है कि उन्होंने सत्यपाल को जगाकर पूछताछ की और बिना किसी स्पष्ट कारण के लाठी, लात और घूंसे से उनकी बेरहमी से पिटाई की। शोर सुनकर परिजन और आसपास के लोग जाग गए। सत्यपाल के भाई विशाल मौके पर पहुंचे और गंभीर हालत में उन्हें सिधौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया, जहां बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
वायरल वीडियो और पुलिस की लीपापोती
घटना के बाद आसपास के दुकानदारों ने सत्यपाल का एक वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में सत्यपाल सड़क पर मरणासन्न हालत में पड़े हैं और कह रहे हैं, “ई बाबूजी हमका मारिन हैं,” जबकि चौकी प्रभारी मणिकांत मौके पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। शुरू में सिधौली पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की और दावा किया कि सत्यपाल की पिटाई उनके पिता सोबरन ने की थी। लेकिन वायरल वीडियो और मृतक के भाई अमित यादव के एक अन्य वीडियो में पुलिस पर सीधे आरोप लगाने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकुर अग्रवाल ने संज्ञान लिया।
उन्होंने इंस्पेक्टर बलवंत शाही को फटकार लगाई और मणिकांत श्रीवास्तव व उनके हमराही सिपाही के खिलाफ भारतीय नवीन संहिता (बीएनएस) की धारा 173 और 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया।
पोस्टमार्टम और जांच
डीएम अभिषेक आनंद के निर्देश पर दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा वीडियोग्राफी के साथ सत्यपाल का पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट में ठोड़ी से सिर तक गंभीर चोटें और पेट में पानी मिलने की पुष्टि हुई। परिस्थितियों को और स्पष्ट करने के लिए विसरा सुरक्षित रखा गया है। एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाएगी।
परिजनों का आक्रोश और जाम
सत्यपाल की मौत की खबर फैलते ही परिजनों और ग्रामीणों ने महमूदाबाद मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसमें पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के साथ धक्कामुक्की का वीडियो भी सामने आया।
करीब एक घंटे बाद पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ। परिजनों ने बताया कि सत्यपाल अविवाहित था और परिवार का मुख्य कमाने वाला था। उसके दो भाई खेती में पिता का सहयोग करते हैं। परिवार ने सत्यपाल के आश्रित को नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग की है।