उन्नाव रेप केस: सुप्रीम कोर्ट आज सुनेगा CBI की अपील, कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबन पर फैसला संभव

2017 के चर्चित उन्नाव बलात्कार मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया था।

तीन जजों की अवकाश पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं, इस मामले की सुनवाई करेगी। इसके अलावा अधिवक्ता अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार की अलग याचिका भी सुनी जाएगी, जो हाईकोर्ट के आदेश पर रोक की मांग करती है।

सीबीआई की दलीलें
सीबीआई ने अपनी अपील में सुप्रीम कोर्ट के एलके आडवाणी मामले का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि सांसद या विधायक जैसे जनप्रतिनिधि लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं। एजेंसी का कहना है कि हाईकोर्ट ने गलती की जब उसने सेंगर को अपराध के समय विधायक होने के बावजूद लोक सेवक नहीं माना और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा चलाने से इनकार कर बेल दे दी।

सीबीआई ने तर्क दिया कि विधायक होने के नाते सेंगर पर जनता का विश्वास और राज्य व समाज के प्रति ऊंची जिम्मेदारी थी, जिसे हाईकोर्ट ने नजरअंदाज किया। साथ ही, पॉक्सो एक्ट के उद्देश्य को आगे बढ़ाने वाली व्याख्या अपनाने में भी हाईकोर्ट चूक गया।

दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश
23 दिसंबर 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की सजा निलंबित कर दी, क्योंकि उन्होंने पहले ही सात साल पांच महीने जेल काट लिए हैं। हाईकोर्ट ने सख्त शर्तें लगाईं: ₹15 लाख का व्यक्तिगत बॉन्ड, तीन जमानतदार, पीड़िता के दिल्ली स्थित घर से 5 किमी के दायरे में न आना और पीड़िता या उनकी मां को धमकी न देना। शर्त भंग होने पर बेल रद्द हो जाएगी। हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही हैं, क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में उन्हें 10 साल की सजा मिली है और उसमें बेल नहीं मिली।

पीड़िता का पक्ष
उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की अपील की है ताकि वह बिना डर के कानूनी लड़ाई लड़ सके। दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान पीड़िता ने आरोप लगाया कि सेंगर ने सीबीआई जांच अधिकारी और दिल्ली हाईकोर्ट जज को रिश्वत दी।

उन्होंने कहा कि उनके पति की नौकरी छीन ली गई, बच्चे और गवाह खतरे में हैं। पीड़िता ने सीबीआई से नामित लोगों को सुरक्षा देने की मांग की। जंतर मंतर और दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन जारी हैं, जहां पीड़िता, उनकी मां और कार्यकर्ता न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

यह मामला एक बार फिर न्याय व्यवस्था में विश्वास और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई की परीक्षा है। सुनवाई का परिणाम पीड़िता और समाज के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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