पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर हमला: खोस्त प्रांत में बमबारी से 9 बच्चों समेत 10 की मौत, तालिबान ने की निंदा

पाकिस्तान की सेना ने सोमवार देर रात अफगानिस्तान के पूर्वी खोस्त प्रांत में घुसपैठ कर बमबारी की, जिसमें 9 बच्चों (5 लड़के और 4 लड़कियां) समेत एक महिला की मौत हो गई। अफगान तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट कर बताया कि यह हमला खोस्त के गर्बुज जिले के मुगलगई इलाके में विलायत खान नामक स्थानीय नागरिक के घर पर किया गया, जिसमें घर भी पूरी तरह नष्ट हो गया। इसके अलावा, कुनार और पक्तिका प्रांतों में पाकिस्तानी छापेमारी में 4 नागरिक घायल हो गए।

मुजाहिद ने इसे “पाकिस्तानी आक्रमणकारी सेनाओं का कृत्य” बताते हुए कहा, “रात करीब 12 बजे खोस्त प्रांत के गर्बुज जिले में पाकिस्तानी बलों ने एक नागरिक के घर पर बम गिराए, जिससे 9 बच्चे और एक महिला शहीद हो गईं।” उन्होंने घटनास्थल की तस्वीरें भी साझा कीं, जो मलबे में दबे शवों को दिखा रही हैं। तालिबान सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।

बढ़ते तनाव का पृष्ठभूमि

यह हमला पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव के बीच आया है, जो 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से चरम पर है। अक्टूबर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पर झड़प हुई थी, जिसमें दर्जनों की मौत हुई थी—यह 2021 के बाद सबसे घातक संघर्ष था। कतर में अक्टूबर में युद्धविराम पर हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन तुर्की में शांति वार्ता पाकिस्तान-विरोधी उग्रवादी समूहों (जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान – टीटीपी) को अफगानिस्तान से हटाने के मुद्दे पर विफल रही।

पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान टीटीपी जैसे समूहों को शरण दे रहा है, जो पाकिस्तानी सीमा पार से हमले कर रहे हैं। इस महीने इस्लामाबाद में एक आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत हुई, जिसका दावा टीटीपी ने किया और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से निर्देशित होने का आरोप लगाया। वहीं, अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान-विरोधी समूहों को पनाह दे रहा है और उसकी संप्रभुता का सम्मान नहीं कर रहा। सोमवार को पेशावर में एक और आत्मघाती हमले में 3 की मौत और 11 घायल हुए, जो इस घटना से एक दिन पहले था।

अक्टूबर में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के काबुल पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया था, जिसके बाद तालिबान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। हालांकि, कतर और तुर्की के मध्यस्थता वाला युद्धविराम अभी भी बरकरार है, लेकिन यह घटना इसे खतरे में डाल सकती है। पाकिस्तान ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद (दुरंद लाइन) और उग्रवाद की समस्या लंबे समय से तनाव का कारण बनी हुई है। 1949 में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कबायली इलाकों पर बमबारी की थी, जिससे सीमा संघर्ष बढ़े थे। यह घटना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंता का विषय है।

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