देश ही नहीं अब विदेशों की भी उम्मीद बना ‘रोटी बैंक’

रिपोर्ट- बृजेंद्र राजपूत

महोबा। देश मे पहला रोटी बैंक खोलकर बुन्देलखण्ड का महोबा चर्चा में आया था। हाजी मुट्टन और उनकी टीम द्वारा तीन वर्ष पूर्व रोटी बैंक की शुरुआत की गई थी और आज यह रोटी बैंक इंडोनेशिया के जकार्ता में शुरू हुआ है।

roti bank

सूखे बुन्देलखण्ड के महोबा में भूखों को भरपेट भोजन देने वाला रोटी बैंक अब इंडोनेशिया में भूखो का पेट भरेगा। महोबा के रहने वाले हाजी मुट्टन और इंडोनेशिया, जकार्ता के रुमहा यतीम के प्रयासों से रोटी बैंक खोला गया है। इंडोनेशिया में सुनामी की बाढ़ से तीन हजार बच्चे अनाथ हो गए थे जिनकी मदद भी रोटी बैंक कर रहा है। जिसके उदघाटन में रोटी बैंक की एक टीम जकार्ता पहुंची और यतीम बच्चों के साथ मिलकर रोटी बैंक को शुरू किया।

बुन्देलखण्ड की मुफलिसी और गरीबी के कारण यहां के लोगों को दो वक्त पेट भर रोटी मयस्सर नहीं हो पा रही है। साल दर साल भुखमरी के बढ़ते आंकड़ों से चिंतित एक इंसान इन गरीबों के लिए तीन साल पहले मसीहा बनकर सामने आया था।

बुन्देलखण्ड में एम्स जैसी मांग करने और लगातार समाज सेवा में अपनी पहचान बना चुके हाजी मुट्टन ने तीन साल पहले अपने ही इलाके में रोटी जमा करने वाला बैंक खोला था। शुरुआत में 30 से 35 घरों से दो-दो रोटी इकट्ठा की गई और देखते ही देखते अब तीन सौ घरों से रोटियां इकठ्ठा हो रही है। और रोटी बैंक के कार्यकर्ता इन रोटियों को जरूरत मन्दों, यतीमों, भूखों को पहुंचा रहे हैं।

60  युवा से अधिक इस टीम में आज भी काम कर रहे हैं। रोटी बैंक का मकसद कोई इंसान भूखा न सोए। धीरे धीरे यह रोटी बैंक भारत देश के कई राज्यों में खुलता चला गया और आज यह देश के बाहर अपना परचम फहरा रहा है। इंडोनेशिया के जकार्ता में आज महोबा के रोटी बैंक का शुभारंभ हुआ है। रोटी बैंक के संचालक हाजी मुट्टन बताते हैं कि इंडोनेशिया में सुनामी के कारण तीन हजार से अधिक बच्चे अनाथ हो गए थे।

जकार्ता की समाजसेवी संस्था रूमहा यतीम से जानकारी मिलने पर बैंक का एक दल सलमान के नेतृत्व में जकार्ता पहुंचा है जिसके माध्यम से 1000 कम्बल, अनाथ बच्चों को कॉपी किताबें और कपड़े पहुंचाए गए हैं। जकार्ता में रोटी बैंक के शुभारम्भ को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।

जकार्ता में रूमहा यतीम संस्था और हाजी मुट्टन के सहयोग से महोबा का रोटी बैंक जकार्ता में शुरू हो गया है। अब महोबा का रोटी बैंक जकार्ता में भी भूखों को भरपेट भोजन खिलायेगा। इंडोनेशिया आगये रोटी गए रोटी बैंक के सदस्य सलमान ने बताया कि महोबा रोटी बैंक खुलने से यहाँ के लोग उत्साहित है और भारत को धन्यवाद दें रहे है। रोटी बैंक के संस्थापक की सोच को लेकर हम रोटी बैंक के कार्यकर्त्ता काम कर रहे है।

वहीँ इंडोनेशिया के जकार्ता में महोबा रोटी बैंक शुरू होने पर वहां के लोग उत्साहित है और अनाथ बच्चे मदद पाकर रोटी बैंक और भारत को धन्यवाद दें रहे है।

हमेशा भुखमरी,सूखा और आत्महत्या के लिए चर्चित रहने वाले महोबा ने अब रोटी बैंक के जरिये विश्व मे अपनी पहचान बना ली है। जकार्ता में रोटी बैंक का संचालन शुरू होने पर महोबा के लोगों में खुशी देखी जा रही है।

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रोटी बैंक के संचालक हाजी मुट्टन का कहना है कि महोबा के रोटी बैंक की ख्वाहिश है कि देश मे ही नहीं बल्कि पूरे संसार में किसी की मौत भूख से न हो जिसके लिए रोटी बैंक प्रयासरत है। रोटी बैंक के संचालन में लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। हाजी मुट्टन ने बताया कि बहुत जल्द दिसंबर में टर्की और इराक में भी खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि टर्की में सीरिया के अनाथ बच्चो की मदद भी रोटी बैंक करेगा।

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