लोकसभा के बाद राज्यसभा में गूंजी मोदी की दहाड़, बिखर गईं विपक्ष की गिल्लियां

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्षियों को मुंहतोड़ जवाब देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बोलना शुरू किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए एक फिर विपक्ष को करार जवाब दिया।

अपनी बातों में सबसे पहले पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद के वंशवाद वाले मामले पर जोर दिया। उन्होंने आजाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें बाहर कोई सुनता नहीं इसलिए वे यहां बोल कर अपना मन हल्का करने की कोशिश कर रहे थे।

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नरेंद्र मोदी

आयुष्मान भारत पर बोलते हुए उन्होंने विपक्ष की बातों को दोहराया। कहा- आपने अमेरिका और ब्रिटेन का उदाहरण दिया, उनमें और हममें जमीन-आसमान का अंतर है।

50 साल सत्ता में रहना और जमीन से कट जाना स्वाभाविक है। इसलिए आप ऐसी बातें करते हैं। ये योजना देश के लिए है, किसी पार्टी के लिए है। सभी दल इसका अध्ययन करें, इसमें कोई कमी है तो सुझाएं, हम सुधार करेंगे।

इतना ही नहीं अपनी बातों को साफ़ करते हुए बड़े ही रोचक अंदाज में उन्होंने विपक्ष के देखने के नज़रिए और किये जाने वाले विरोध को गलत ठहरा दिया।

उन्होंने कहा कि अगर मैं यहां बैठकर 9 बनाऊं तो उधर बैठे कई लोगों को 6 दिखेगा, इसमें मेरी क्या गलती है?

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अब बताइए, ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होना गलत बात कैसे है? हमपर हमला बोलना संभव नहीं तो आप रेटिंग एजेंसी पर हमला बोल देते हैं।

पीएम मोदी बोले आप सबकी बुराई करिए, आपका लोकतंत्र में हक है, मेरे बाल नोच लीजिए, पर आप मेरी बुराई करते-करते देश की बुराई कर देते हैं, यह देश का नुकसान हो रहा है।

‘कांग्रेस मुक्त भारत’ की बात करते हुए वे बोले कि यह मेरा नहीं गांधी जी का विचार था। इसलिए इसका आइडिया वहीं से आया था।

उन्होंने आगे कहा कि विवेकानंद ने भी यंग इंडिया की बात की थी, गांधी ने भी नए भारत की बात की थी। राष्ट्रपति ने भी यही कहा। आप कहते हैं कि आपको न्यू इंडिया नहीं चाहिए, ठीक है, मुझे भी गांधी का भारत चाहिए।

गांधी ने कहा था कि आजादी मिल गई है, अब कांग्रेस की जरूरत नहीं है। इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत का आइडिया वहीं से आया है।

पीएम आगे बोले आप को कौन सा भारत चाहिए, बोफोर्स घोटाले वाला, दूसरे घोटालों वाला भारत चाहिए, बड़ा पेड़ गिरने के बाद धरती डोल जाती है, ऐसा भारत चाहिए? हजारों लोगों की मौत के गुनहगार को विमान में बैठाकर विदेश में ले जाया जाए, ऐसा भारत चाहिए। दावोस में आप भी गए, हम भी गए, आपको हमारा न्यू इंडिया नहीं चाहिए।

सरकार की तारीफ़ में कसीदे कसते हुए उन्होंने कहा कि हम गेमचेजर हैं, लक्ष्य का पीछा करते हैं, उसे प्राप्त करके रहते हैं। कड़ी मेहनत करते हैं।

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इसलिए कांग्रेस का तरसना स्वाभाविक है। आपकी इच्छा है कि आपकी जयजयकार होनी चाहिए। 15 अगस्त को लाल किले पर आपके जितने पीएम रहे, उनके भाषण में किसी और सरकार का, राज्य सरकार का उल्लेख नहीं किया।

उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “केवल मैं कहता हूं कि देश को इस मुकाम तक पहुंचाने में सभी सरकारों का और सभी राज्य सरकारों का योगदान है। हम तड़पते नहीं हैं कि आप अटल जी का  नाम लो, आपको ठीक लगे तो आप कह दीजिए।”

इसके अलावा पीएम मोदी ने विपक्ष के घावों को कुरेदते हुए मजाकिया लहजे में वार किया। बोले- 2014 से पहले जो हुआ, सब आपके खाते में।

बचपन में हम देखते थे कि बच्चे खेलते-खेलते लड़ने लगते थे। हम सोचते थे कि लड़ाई क्यों होती है। बाद में पता चला कि जिसके हाथ में बैट होता है, वही खेलेगा, वह आउट होगा तो खेल नहीं होगा। आपकी भी यही आदत है, आपको हमेशा बैटिंग मिले।

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