
बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में गुरुवार (20 नवंबर 2025) सुबह 11:30 बजे एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें शपथ दिलाई।
इसके तुरंत बाद, भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने मंत्री (उपमुख्यमंत्री) पद की शपथ ली, जो उनका दूसरा कार्यकाल है। यह शपथ ग्रहण हालिया विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत (243 में से 202 सीटें) के बाद हुआ, जिसमें जेडीयू को 85 और भाजपा को 89 सीटें मिलीं।
शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित 16 से अधिक राज्यों के मुख्यमंत्री (जैसे योगी आदित्यनाथ, देवेंद्र फडणवीस, भजन लाल शर्मा) उपस्थित रहे। समारोह में करीब 3 लाख लोग जुटे, जिसमें जीविका दीदियां और अन्य लाभार्थी विशेष रूप से शामिल थे। गांधी मैदान को 17 नवंबर से ही बंद रखा गया था और सुरक्षा चाक-चौबंद रही।
कैबिनेट विस्तार और नई सरकार का स्वरूप
शपथ के साथ ही नई कैबिनेट का विस्तार हुआ, जिसमें कुल 21 मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा को 10, जेडीयू को 9 (नीतीश सहित), LJP(RV) को 2, HAM-S को 1 और RLM को 1 berth मिला। सम्राट चौधरी के अलावा विजय कुमार सिन्हा भी उपमुख्यमंत्री बने। अन्य प्रमुख चेहरे: जेडीयू से विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, लेस्ली सिंह; भाजपा से प्रेम कुमार, नीरज कुमार बबलू। मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरे शामिल हुए। पोर्टफोलियो वितरण पर अंतिम चर्चा अमित शाह की मौजूदगी में हुई।
कल (19 नवंबर) नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और एनडीए विधायक दल का नेता चुने गए। यह समारोह नीतीश कुमार के 2005 से चली आ रही राजनीतिक यात्रा का 10वां अध्याय है, जो ‘सुशासन बाबू’ की लोकप्रियता को दर्शाता है।
विपक्षी महागठबंधन (35 सीटें) की हार के बाद बिहार में ‘डबल इंजन’ सरकार का नया दौर शुरू हो गया, जहां विकास योजनाओं का बड़ा ऐलान अपेक्षित है।





