भारत की सैन्य ताकत में बूस्ट: अमेरिका देगा जैवेलिन मिसाइलें और एक्सकैलिबर राउंड्स, रूस ने की सु-57 स्टील्थ फाइटर के लिए फुल टेक ट्रांसफर की पेशकश

भारत की सैन्य शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में दो बड़े कदम उठे हैं। अमेरिका ने $93 मिलियन (करीब 780 करोड़ रुपये) के रक्षा सौदे को मंजूरी दे दी है, जिसमें 100 जैवेलिन एंटी-टैंक मिसाइलें, 25 हल्के कमांड लॉन्च यूनिट्स और 216 एक्सकैलिबर प्रिसिजन आर्टिलरी राउंड्स शामिल हैं।

दूसरी ओर, रूस ने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर सु-57 के लिए भारत में पूर्ण उत्पादन और बिना किसी प्रतिबंध के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पेशकश की है, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर यात्रा से पहले रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी। ये विकास भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों (खासकर चीन-पाकिस्तान से) का सामना करने में मदद करेंगे।

अमेरिका का $93 मिलियन रक्षा पैकेज: क्या-क्या मिलेगा?
अमेरिकी डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने कांग्रेस को इस प्रस्ताव की औपचारिक सूचना भेज दी है, जिसके बाद सौदा अंतिम रूप ले लेगा। जैवेलिन सिस्टम ($45.7 मिलियन) RTX और लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाया जाता है, जबकि एक्सकैलिबर राउंड्स ($47.1 मिलियन) RTX का उत्पाद है। पैकेज में शामिल हैं:

  • 100 FGM-148 जैवेलिन मिसाइलें + 1 फ्लाई-टू-बाय मिसाइल: कंधे से दागी जाने वाली दुनिया की सबसे उन्नत एंटी-टैंक मिसाइलें।
  • 25 लाइटवेट कमांड लॉन्च यूनिट्स (LwCLU): पोर्टेबल लॉन्चर, जो इमारतों या बंकरों से सॉफ्ट लॉन्च की सुविधा देते हैं।
  • 216 M982A1 एक्सकैलिबर प्रिसिजन आर्टिलरी राउंड्स: GPS-गाइडेड 155mm शेल्स, जो तोपखाने को सटीक हमले की क्षमता देते हैं और कोलैटरल डैमेज कम करते हैं।

इसके अलावा, संचालन, रखरखाव, सुरक्षा निरीक्षण, सैनिक प्रशिक्षण, स्पेयर पार्ट्स, सिमुलेशन राउंड्स और लाइफसाइकल सपोर्ट भी शामिल हैं। DSCA ने कहा कि यह सौदा अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा, भारत की वर्तमान/भविष्य की चुनौतियों (जैसे बॉर्डर थ्रेट्स) का सामना करने की क्षमता बढ़ाएगा और इंडो-पैसिफिक में स्थिरता लाएगा। अमेरिका ने आश्वासन दिया कि यह दक्षिण एशिया के सैन्य संतुलन को प्रभावित नहीं करेगा। वर्तमान में कोई ऑफसेट एग्रीमेंट नहीं है, लेकिन अगर होगा तो भारत और कंपनियों के बीच तय होगा। कांग्रेस की समीक्षा अवधि के बाद डिलीवरी शुरू हो सकेगी।

जैवेलिन की खासियतें: क्यों है गेम-चेंजर?
जैवेलिन को यूक्रेन युद्ध में रूसी T-72/T-90 टैंकों के खिलाफ ‘टैंक किलर’ साबित किया गया है। इसकी मुख्य विशेषताएं:

  • टॉप-अटैक मोड: मिसाइल ऊपर से हमला करती है, जहां टैंकों का कवच सबसे पतला होता है।
  • फायर-एंड-फॉरगेट: दागने के बाद ऑपरेटर को छिपने का मौका, 2.5 किमी रेंज।
  • सॉफ्ट लॉन्च: बंद जगहों से सुरक्षित दागा जा सकता है, इन्फ्रारेड गाइडेंस।
    यह भारत की पैदल सेना को आर्मर्ड थ्रेट्स के खिलाफ मजबूत बनाएगा।

एक्सकैलिबर: सटीक तोपखाने का नया हथियार
ये GPS-गाइडेड राउंड्स 40 किमी तक सटीक प्रहार करते हैं, कोलैटरल डैमेज कम करते हैं। भारत ने पहले भी इन्हें इस्तेमाल किया है, जो आर्टिलरी ब्रिगेड्स की फर्स्ट-स्ट्राइक एक्यूरेसी बढ़ाएगा।

रूस का सु-57 ऑफर: भारत में मैन्युफैक्चरिंग और टेक ट्रांसफर
रूस ने दुबई एयर शो 2025 के साइडलाइन्स पर भारत को सु-57E (एक्सपोर्ट वर्जन) के लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव दिया। रोस्टेक के CEO सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा कि सभी भारतीय डिमांड्स “पूरी तरह स्वीकार्य” हैं। मुख्य बिंदु:

  • भारत में फुल प्रोडक्शन: लाइसेंस्ड मैन्युफैक्चरिंग, कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं।
  • अनरिस्ट्रिक्टेड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: क्रिटिकल कंपोनेंट्स लोकल बनेंगे, सैंक्शंस का डर नहीं।
  • टू-सीटर वर्जन का जॉइंट डेवलपमेंट: सु-57 का दो-सीट वाला मॉडिफिकेशन दोनों देश मिलकर विकसित कर सकते हैं।

यह ऑफर पुतिन की दिसंबर यात्रा से पहले आया, जहां 23वें भारत-रूस समिट में बड़े ऐलान हो सकते हैं। सु-57 की सुपरक्रूज, स्टील्थ और सेंसर क्षमताएं IAF को 5th-जेन एलीट क्लब में ला सकती हैं, खासकर AMCA प्रोजेक्ट के साथ। रूस ने कहा कि यह भारत की फ्यूचर फाइटर जरूरतों को सपोर्ट करेगा।

ये सौदे भारत की डिफेंस डाइवर्सिफिकेशन को दर्शाते हैं, जहां रूस से एयर पावर और अमेरिका से ग्राउंड कैपेबिलिटी मजबूत हो रही है।

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