वित्त मंत्रालय भी नही जानता फरार माल्या पर कितना है लोन?

नई दिल्ली। भारतीय कारोबारी और किंगफिशर के मालिक विजय माल्या ने बैंकों से लोन लेकर ज़बरदस्त हेर-फेर किया। जब मामले ने तूल पकड़ा तो, माल्या साहब ने भारत छोड़ना ही बेहतर समझा। और खम्बा बचाकर निकल लिए।

विजय माल्या

इसके बाद विपक्ष ने जोरदार हमला बोला कि आखिर माल्या को क्यों नहीं रोका गया। खैर ये बड़ी लम्बी बातें हैं। इसकी ज्यादा गहराई में नहीं जायेंगे। अब असल मसले पर आते हैं कि आखिर माल्या फरार तो हो गये लेकिन कितना पैसा ले गये।

दरअसल, विजय माल्या पर तमाम बैंकों का करोड़ो रुपए का लोन है। माल्या इस समय यूके में हैं और उन्हें भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार लगातार अपनी कोशिशें कर रही है। लेकिन अब सेंट्रल इंफॉरेशन कमीशन को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया है कि उसके पास इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि माल्या के पास बैंकों का कितना लोन है।

यह भी पढ़ें:- संसद में मोदी के ‘तीरों’ से तिलमिलाई कांग्रेस, राहुल गांधी ने यूं दिया जवाब

बता दें सूचना के अधिकार के तहत यब बात सामने आई है कि वित्त मंत्रालय के पास इसकी जानकारी नहीं है कि उद्योगपति विजय माल्या को कितना लोन दिया गया है।

संसद में दी थी जानकारी

मुख्य सूचना आयुक्त आरके माथुर ने राजीव कुमार खरे के मामले पर कहा कि वित्त मंत्रालय को आरटीआई संबंधिक अधिकारी के पास भेजनी चाहिए, जो इसकी सही जानकारी दे पाता। यहां गौर करने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां वित्त मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास विजय माल्या द्वारा लिए गए लोन के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन इस बात से परे वित्त मंत्रालय संसद में पहले भी जवाब दे चुका है कि विजय माल्या के पास बैंकों का कितना कर्ज है।

दरअसल खरे ने माल्या द्वारा लिए गए लोन की जानकारी वित्त मंत्रालय से आरटीआई के द्वारा मांगी थी, लेकिन जब वित्त मंत्रालय द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने सीआईसी का दरवाजा खटखटाया।

यह भी पढ़ें:- हरिद्वार में लश्कर का गुर्गा गिरफ्तार, आतंकियों के लिए हवाला से जुटाता था पैसा

इससे पहले वित्त मंत्रालय ने खरे को बताया कि आरटीआई के तहत माल्या के बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह व्यक्तिगत सुरक्षा के तहत है जोकि सरकार की आर्थिक मुद्दे को प्रभावित कर सकता है।

सीआईसी ने दिया जवाब

सीआईसी ने अपने जवाब में कहा कि जो जानकारी मांगी गई है वह मुमकिन है कि संबंधित बैंकों और आरबीआई के पास मौजूद होगी।

वित्त राज्य मंत्री ने दिया था ब्योरा

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने विजय माल्या के सवाल पर जवाब देते हुए 17 मार्च 2017 को संसद में कहा था कि इस व्यक्ति ने सितंबर 2004 में बैंकों से लोन लिया था और इसकी फरवरी 2008 में समीक्षा की गई। इसके तहत बैंको ने माल्या को 8,040 करोड़ रुपए का लोन दिया है, जोकि 2009 से नॉन परफार्मिंग एसेट के रूप में है, जिसे 2010 में एक बार फिर से पुनर्गठित किया गया था।

अब तक सिर्फ 155 करोड़ की हो सकी है भरपाई

पिछले साल 21 मार्च को वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने संसद में बताया था कि पब्लिक सेक्टर बैंकों ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार अभी तक सिर्फ 155 करोड़ रुपए ही माल्या से हासिल किए जा चुके हैं, जोकि ऑनलाइन संपत्ति की नीलामी करके हासिल किया गया है।

यह भी पढ़ें:- सुप्रीम कोर्ट के शिकंजे में मनोहर सरकार, गोवा के 88 खनन पट्टे रद्द

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के दौरान एक बहस के दौरान भी 16 नवंबर 2016 को राज्यसभा में इस मामले में बयान देते हुए कहा था कि माल्या को जो लोन दिया गया है वह भयावह विरासत की तरह है, जोकि एनडीए सरकार को यूपीए सरकार से मिली है।

देखें वीडियो:-

LIVE TV