PM मोदी ने एमएसपी वृद्धि को बताया ऐतिहासिक, किसान संगठनों ने कहा ‘ऐतिहासिक धोखा’

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फसल वर्ष 2018-19 में अधिसूचित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 फीसदी वृद्धि को ऐतिहासिक बताया है। वहीं, किसान संगठन ने इसे किसानों के साथ ऐतिहासिक धोखा करार दिया है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “मैं प्रसन्न हूं कि सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी प्रदान करने का अपना वादा पूरा किया है। फसलों के एमएसपी में ऐतिहासिक वृद्धि की गई है।”

PM मोदी

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास के हर जरूरी उपाय करने को प्रतिबद्ध है।

मोदी का यह बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अधिसूचित फसलों के लिए किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ के साथ एमएसपी को मंजूरी प्रदान करने के तुरंत बाद आया।

कांग्रेस ने हालांकि इस निर्णय को चुनावी लॉलीपॉप करार दिया और कहा कि सरकार ने कृषि लागत एवं उत्पादन आयोग (सीएसीपी) की 2018-19 के लिए की गई सिफारिशों के आधार पर एमएसपी घोषित नहीं किया है।

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इस बीच, अखिल भारतीय किसान सभा ने खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि के केंद्र सरकार के इस फैसले को किसानों के साथ धोखा करार दिया है। संगठन ने कहा, “धान के एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी किसानों के साथ ऐतिहासिक धोखा है।”

किसान संगठन ने एक बयान में कहा कि मोदी और भाजपा से किसानों को बड़ी उम्मीद थी, इसलिए उन्होंने 2014 में भाजपा का साथ दिया था, मगर भाजपा सरकार ने उनकी उम्मीदें पूरी नहीं की।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बुधवार को फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उत्पादन लागत पर 50 फीसदी लाभ के साथ वृद्धि की घोषणा की।

आखिरकार क्या है फैसला

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को लिए गए फैसले के अनुसार, फसल वर्ष 2018-19 में सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 200 रुपये प्रति कुंटल बढ़ाकर 1750 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है और सामान्य ग्रेड-ए धान का एमएसपी 1590 रुपये से बढ़ाकर 1770 रुपये प्रति कुंटल किया गया है।

वहीं हाइब्रिड धान का एमएसपी 1700 रुपये प्रति कुंटल से बढ़ाकर 2430 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है।

जबकि, किसान संगठन का कहना है कि उन्हें स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार, सी2 स्तर पर 50 फीसदी लाभ के साथ एमएसपी देने का आश्वासन दिया गया था।

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गौरतलब है कि ए2 में किसानों द्वारा फसल के उत्पादन में किए गए मौद्रिक खर्च शामिल हैं, जिसमें बीज और खाद या उर्वरक से लेकर मजदूरी जुताई, सिंचाई आदि पर होने वाला खर्च शामिल है। जबकि ए2 और एफएल के योग में किसान परिवार द्वारा किए गए श्रम का पारिश्रमिक शामिल हो जाता है। वहीं, ए2 प्लस एफल और सी2 में जमीन का किराया भी शामिल हो जाता है।

बता दें कि सरकार ने मूंगफली का एमएसपी 4,450 रुपये से बढ़ाकर 4,890 रुपये प्रति कुंटल कर दिया। इसी प्रकार सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3,050 रुपये से बढ़ाकर 3,399 रुपये और मूंग का एएसपी 5,575 रुपये से बढ़ाकर 6,975 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है। रागी का एमएसपी 1,900 रुपये से बढ़ाकर 2,897 रुपये और बाजरा का 1,425 रुपये से बढ़ाकर 1950 रुपये कर दिया गया है। ज्वार का एमएसपी 1,725 रुपये से बढ़ाकर 2,450 रुपये और उड़द का 5,400 रुपये से बढ़ाकर 5,600 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है।

तुअर का एमएसपी 5,450 रुपये से बढ़ाकर 5,675 रुपये और कपास लांग स्टेपल का 4,320 रुपये से बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति कुंटल और मीडियम स्टेपल का 4,020 रुपये से बढ़ाकर 5,150 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है।

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सूरजमुखी का एमएसपी 4,100 रुपये से बढ़ाकर 5,388 रुपये प्रति कुंटल, तिल का एमएसपी 5,300 रुपये से बढ़ाकर 6,249 रुपये प्रति कुंटल और नाइजरसीड का एमएसपी 4,050 रुपये से बढ़ाकर 5,877 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है।

मक्के का एमएसपी 1,425 रुपये से बढ़ाकर 1,700 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है।

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