मंत्री-अफसरों को मुफ्त का दूध पीने पर लगी रोक

दूधदेहरीदून। दूध जो सेहत के लिए बहुत लाभदायक है । सूबे की राजधानी देहरादून के नेता हों या कोई अफसर सभी को अब दूध पीने के लिए नहीं मिल पाएगा। सहकारी दुग्ध संघो पर यह रोक लगी है कि किसी को भी मुफ्त में दूध और अन्य डेयरी उत्पाद ना दिया जाए। यह बड़ा कदम इसलिए उठाया है कि प्रदेश के जो दुग्ध संघ घाटे में चल रहे हैं उनकी स्थिति में सुधार हो।

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सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 11 सहकारी दुग्ध संघों से रोजाना करीब एक हजार लीटर दूध मुफ्त में बंट जाता है। जिनमें संघ से जुड़े लोग, अफसर, नेता और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। हर जिले में अच्छी खासी मात्रा में दूध मुफ्त में बंट रहा है। जिसके कारण इन दुग्ध संघों को बड़ी मात्रा में आर्थिक नुकसान को झेलना पड़ रहा है। सहकारी विभाग और सरकार दुग्ध संघों को घाटा कम हो इसलिए इस पर बहुत सी योजनाएं पिछले कुछ समय से बनाई जा रही है।

इसी में मुफ्त बंटने वाले दूध और अन्य डेयरी उत्पादों पर रोक-थाम लगाने की शुरूआत की गई। प्रदेश के 11 दुग्ध संघों में से दो ही फायदे में चल रहे हैं जबकि बाकी सब घाटे में हैं। जिससे कर्मचारियों का वेतन तक नहीं मिल पा रहा है।

सभी दुग्ध संघों को निर्देश दे दिया गया है कि किसी को भी मुफ्त का दूध या अन्य डेयरी उत्पाद ना दिए जाएं। चाहे वह नेता हो,  संघ से जुड़े अधिकारी हों या अन्य विभागों के या जिलों के उच्चधिकारी हों, संघों को घाटे से उबारने को ये कदम उठाया गया है।

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