हमास को नागवार गुजरी जेरूसलम पर अमेरिका की दखलअंदाजी, काबू पाने की कर रहे प्लानिंग

इस्लामी हमास आंदोलनगाजा। इस्लामी हमास आंदोलन के प्रमुख इस्माइल हनेया ने जेरूसलम के मुद्दे पर अमेरिका और इजरायल की गतिविधियों को रोकने के लिए “व्यापक विरोध की रणनीति” बनाने के लिए प्रासंगिक पक्षों को आमंत्रित किया है।

हमास के नेता ने कहा, “इस रणनीति के तहत हमें दो रास्तों पर बढ़ना होगा। पहला यह कि हमें तथाकथित शांति प्रक्रिया का अंत करना होगा और दूसरा यहूदी दुश्मन के साथ सभी प्रकार के सामान्यीकरण समाप्त करने हैं।”

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हनेया ने मंगलवार को ई-मेल के जरिए एक बयान में कहा कि जेरूसलम पर लिए गए निर्णय का सामना करने के लिए इजरायल के खिलाफ चल रहे फिलिस्तीनी इन्तिफादा के आधार पर इस रणनीति के जरिए एकीकृत फिलिस्तीनी, अरब और इस्लामी कार्यक्रम तैयार किए जाने चाहिए।

उन्होंने अमेरिका की नीतियों का विरोध और फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले अन्य देशों को एकीकृत रणनीति में उनके साथ आने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि न तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और न ही इजरायल की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी “जेरूसलम की पहचान या विशेषताएं बदल सकती है, जो हमेशा से फिलिस्तीन, अरब और इस्लाम का चेहरा और पहचान रहा है।”

इजरायल की संसद ने सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात वोट डालकर एक संशोधन पारित किया, जोकि भविष्य में होने वाले किसी भी शांति समझौते में पूर्वी जेरूसलम के हिस्सों को फिलिस्तीन को सौंपना और मुश्किल कर देगा।

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ट्रंप ने छह दिसंबर को जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में पहचानने की घोषणा की थी।

फिलिस्तीन मीडिया के अुनसार, ट्रंप के इस बयान के कारण वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए और इजरायली सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में फिलिस्तीन के 13 लोगों की जान चली गई।

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