
साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक सम्मेलन हुआ था जिसमें बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था. तभी से आज तक , बाघ संरक्षण की जागरुकता बढ़ाने के लिए इस डे को 29 जुलाई को सेलिब्रेट किया जाता है. उस समय 2022 तक बाघ की आबादी को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया था. बाघों की घटती संख्या को देखते हुए ऐसा ठोस कदम उठाया गया था. जिसका फायदा आज देखा भी जा सकता है. सर्वेक्षण में ये साबित हुआ था कि स्थान के नुकसान, अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन सहित कई कारकों के कारण बाघ गायब होने लगे थे. WWF के अनुसार, दुनिया में केवल 3,890 बाघ बचे हैं, उनमें से, 2500 से अधिक बाघों वाले भारत में सबसे अधिक संख्या है.
वहीं इंटरनेशनल टाइगर डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी की और कहा कि 3,000 बाघों की संख्या के साथ भारत इनके लिए विश्व के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक है. पीएम ने कहा कि सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया गया था, हमने चार साल पहले ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया.
पीएम मोदी ने कहा कि बाघों की घटती संख्या चिंता का विषय थी. अभी देश में बाघों की संख्या लगभग तीन हजार है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि कई देशों में बाघ आस्था का प्रतीक माने जाते हैं. बाघों के लिए भारत एक सुरक्षित जगह है. उन्होंने कहा कि बाघ बढ़ेंगे तो पर्यटन भी बढ़ेगा.
कभी ‘एक था टाइगर’ का डर था, लेकिन आज यह यात्रा ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंच चुकी है।
लेकिन ‘टाइगर जिंदा है’ कहना ही पर्याप्त नहीं है, हमें उनकी संख्या बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण भी तैयार करना है। #InternationalTigerDay pic.twitter.com/bERsYeM62v
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2019
पीएम मोदी द्वारा जारी किए गए अखिल भारतीय बाघ अनुमान में बताया गया है कि अभी देश में कुल 2967 बाघ हैं। पीएम ने कहा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ से शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वह यहीं खत्म नहीं होनी चाहिए.
2014 के मुकाबले देश में 741 बाघों की संख्या बढ़ी है। 2006 में भारत में 1411 बाघ थे, 2010 में 1706, 2014 में 2226 बाघ थे और 2018 में 2967 बाघ देश में मौजूद हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि विकास और पर्यावरण के बीच स्वस्थ संतुलन बनाना संभव है। हमारी नीति में, हमारे अर्थशास्त्र में, हमें संरक्षण के बारे में संवाद को बदलना होगा. उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में जहां देश में अगली पीढ़ी के आधारभूत ढांचे के लिए तेजी से कार्य हुआ है, वहीं भारत में वन क्षेत्र का दायरा भी बढ़ रहा है। देश में संरक्षित क्षेत्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है.
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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके। केवल ‘‘टाइगर जिंदा है’’, से काम नहीं चलेगा। बाघ संरक्षण से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत आर्थिक एवं पर्यावरण के दृष्टिकोण से समृद्ध होगा। भारत अधिक संख्या में सड़कें बनाएगा और देश में अधिक संख्या में स्वच्छ नदियां होंगी. भारत में अधिक रेल सम्पर्क होगा और अधिक संख्या में वृक्षों का दायरा बढ़ेगा.