बारिश से अन्नदाताओं में जगी उम्दा पैदावार की उम्मीद, बस असर डाल रही ये कमी
रिपोर्ट- अभिषेक यादव
लखनऊ। राजधानी के ग्रामीण इलाकों में हो रही झमाझम बरसात से इन इलाक़ों के खेतीहर अन्नदाताओं के मन में पैदावर अच्छी होने की उम्मीदें जगी है। खासतौर पर धान की फसल वाले किसान मौसम की मेहरबानी से खासा खुश नजर आ रहे हैं।
किसानों का कहना है कि इन दिनों हो रही बरसात धान की फसल के लिए अमृत का काम करेगी। चूँकि धान की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। इसी वजह से बारिश धान के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।
वहीं बारिश न होने से खेतों में उग आने वाले खरपतवार और कीटों से भी फसल को बारिश काफी हद तक बचा लेती है।
राजधानी के गोसाईगंज क्षेत्र के किसान बताते हैं कि यदि पौधों की रोपाई से लेकर उनमें बीज धारण तक फसल को पर्याप्त बारिश मिल जाए और फसल आंधी-तूफ़ान से बच जाए, तो पैदावार काफी उत्कृष्ट और रोग मुक्त होती है।
बारिश धान की फसल के लिए काफी फायदेमंद होती है। बशर्ते धान की फसल पत्तियों तक पानी में न डूबे। किसान कहते हैं कि यदि फसल पत्तियों तक पानी में डूब गई और फिर धूप निकल आई, तो उससे पूरी पैदावार सड़ जाती है।
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जिसके चलते किसानों को कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता है। जून माह के अंतिम दिनों से लेकर 15 जुलाई तक का समय धान की रोपाई के लिए सबसे उत्कृष्ट माना जाता है। जबकि रोपाई करने के 5-6 महीने बाद जनवरी माह के अंत से लेकर फ़रवरी के मध्य तक धान की कटाई कर लेनी चाहिए।
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वहीँ लाइव टुडे से बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि बारिश, तो धान के लिए अमृत साबित हो रही है। लेकिन सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद से किसान परेशान हैं। वर्तमान समय मे किसानों को खाद न मिलने से किसान परेशान है। और दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
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