आतंकी हाफिज सईद ने पाक सरकार को दिखाई आँख, बोला कोर्ट में मिलेगा ‘करारा जवाब’

इस्लामाबाद: आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान को अपनी जागीर समझता है. हो भी क्यों न पाकिस्तान के हुक्मरान अमेरिका की लताड़ के बाद अब चीनियों के तलवे चाटने में लगे हुए हैं. प्रधानमन्त्री पनामा केस को लेकर जलील हो रहे हैं और बाकी विपक्ष अपनी सियासत को कुर्सी तक पहुँचाने का पायदान खोज रहा है. आतंकी हाफिज पाकिस्तान में बैठ कर ऐसे फरमान जारी करता है जैसे हुक्मरान किसी देश की नहीं बल्कि फैक्ट्री या दुकान की बागडोर सम्भालने में लगे हों. हाफिज सईद

भारत और अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद पर कार्रवाई तो की है लेकिन इस कार्रवाई से हाफिज़ बौखला गया है. अब पाकिस्तान सरकार की ओर से हाफिज सईद द्वारा चलाए जाने वाले मदरसों और स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ कार्रवाई के बाद मुंबई हमले के मास्टर माइंड का कहना है कि वह सरकार की इस अवैध कार्रवाई को अदालत में चुनौती देगा.

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आतंक को बढ़ावा देने वाले प्रतिबंधित समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के दबाव के बीच पाकिस्तान ने सईद से जुड़े जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन द्वारा चलाए जाने वाले एक मदरसे तथा चार डिस्पेंसरी पर नियंत्रण कर लिया है.

सरकार की कार्रवाई के बाद सईद ने कहा ‘‘बिना किसी कानूनी आधार के मुझे 10 महीने तक हिरासत में रखने के बाद सरकार अब हमारे स्कूलों, डिस्पेंसरी, एंबुलेंस और अन्य संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के लिए अधिसूचना जारी कर रही है. इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, आजाद कश्मीर और उत्तरी भागों में चलने वाले हमारे राहत अभियानों पर असर पड़ेगा.’’

हाफिज सईद पर कड़ी कार्यवाई करने का कारण पेरिस मे होने वाली फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स का आयोजन बताया जा रहा है जिसमे भारत समेत आतंकवाद पर कड़ी कार्यवाई करने की वकालत करने वाले सभी देश पाकिस्तान को टेरर फाइनेंसिंग कंट्री की लिस्ट में डालने पर सहमति जता सकते हैं. इस पहले भी 2012 में पाकिस्तान को इस लिस्ट में डाला जा चुका है जिससे अब वह पूरी दुनिया में अपनी इज्जत बचाने की जुगत में हैं.

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हाफिज ने आगे कहा, ‘‘यह सबसे मुश्किल वक्त है, लेकिन कार्यकर्ता शांति बनाए रखें. शासक राजाओं से ज्यादा वफादारों के रूप में काम कर रहे हैं. भारत कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लागू करने पर कभी विचार नहीं करता लेकिन हमारे शासकों ने जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत जैसे देशभक्त संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति की ओर से आदेश पारित करवाया है.’’

जमात-उद-दावा प्रमुख का कहना है कि पाकिस्तान सरकार अमेरिका और भारत को खुश करने के लिए हमारे खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है जिसके खिलाफ हम अदालत में अपनी लड़ाई लड़ेंगे.

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