खौफ के साए में मददगार : गाय की जान बचाने के लिए मांगी मोदी-योगी से मदद

लखनऊ। गोरक्षकों का खौफ लोगों में इस कदर बैठ गया है कि कोई भी अपनी तरफ से पहले चाहने के बावजूद नहीं कर पा रहा है। ये बात कम से कम मेरठ के एक मामले में सही साबित हो रही है। यहां एक लड़की गाय को मेरठ से बरेली इलाज के लिए ले जाना चाहती है। जिससे उसकी जान बचाई जा सके। 24 साल की लड़की ने इस काम में पीएम मोदी से लेकर सूबे के सीएम योगी तक से मदद मांगी है।

गोरक्षकों

दरअसल 24 साल की ज्योति ठाकुर का कहना है कि वह लकवाग्रस्त गाय के लिए इलाज के उसे बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान ले जाना चाहती है। मगर गोरक्षकों के डर के कारण कोई भी ड्राइवर गाय को मेरठ से बरेली ले जाने को तैयार नहीं है।

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24 साल की ज्योति ठाकुर 13 नवंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ट्विटर पर मदद मांग रही हैं। अभी इनमें से किसी भी नेता ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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मामले में ज्योति ठाकुर कहती हैं, ‘28 अक्टूबर को मेरी गाय मोनी बीमार हो गई। एक निजी डॉक्टर से इलाज भी कराया। लेकिन दो दिन बाद अचानक मोनी जमीन पर गिर गई। तब मैं उसे सरकारी हॉस्पिटल लेकर गई। मगर वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ।’

ज्योति ठाकुर आगे कहती हैं कि डॉक्टर ने मुझे आईवीआरआई जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके पास ना तो एक्सरा करने के उपकरण है और ना ही विशेष इलाज की सुविधा।

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ठाकुर बताती हैं कि, मोनी को बरेली ले जाने के लिए स्थानीय ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट्स ने इंकार कर दिया। वो कहते हैं कि गोरक्षकों के हमले का उन्हें डर है। वो ड्राइवर और उसके सहायक पर हमला कर देंगे।

हालांकि उन्होंने पशु-कृषि विभाग और मेरठ पशुचिकित्सा चीफ ऑफिसर से भी मदद मांगी, मगर दोनों ने ही सहायता करने में असमर्थता जताई। बीते गुरुवार को ठाकुर ने जिला न्यायधीश से भी मुलाकात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

मामले में पशुचिकित्सा चीफ ऑफिसर डॉक्टर अरविंद सिंह कहते हैं, ‘गाय के पिछले हिस्से में लकवा मार चुका है। डॉक्टर्स उसका इलाज कर रहे हैं। मगर ट्रांसपोर्ट की सुविधा को लेकर हम उनकी कोई मदद नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि हमारे पास ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है।’

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