
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने जहां एनडीए को 190 से अधिक सीटों पर भारी बढ़त दिलाई है, वहीं विपक्षी दलों में हलचल मच गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर भाजपा पर चुनावी साजिश का आरोप लगाते हुए कहा है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का जो ‘खेल’ बिहार में खेला गया, वह अब उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में संभव नहीं होगा।
उन्होंने इसे ‘चुनावी साजिश’ करार देते हुए चेतावनी दी कि सपा और पीडीए (प्रगतिशील दल अंबेडकर) अब ‘पीपीटीवी’ यानी ‘पीडीए प्रहरी’ के रूप में भाजपा के मंसूबों को नाकाम करेगा। यह बयान महागठबंधन की हार के बीच आया है, जहां तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव जैसी प्रमुख हस्तियां पिछड़ रही हैं।
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा, “बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साज़िश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे। CCTV की तरह हमारा ‘PPTV’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।” यह बयान एनडीए की बढ़त के ठीक बाद आया, जब महागठबंधन 50 सीटों पर सिमट गया। अखिलेश ने SIR को भाजपा की ‘चाल’ बताते हुए कहा कि यह मतदाता सूचियों में हेरफेर का माध्यम था, जिससे विपक्षी वोटरों को नुकसान पहुंचा।
इससे पहले अखिलेश यादव SIR के खिलाफ कई बार आवाज उठा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि SIR में आधार कार्ड को मान्यता देने के लिए सपा सुप्रीम कोर्ट जाएगी, क्योंकि कई जगहों पर 2003 की मतदाता सूची स्पष्ट नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम पीडीए का वोट नहीं कटने देंगे।” इसके अलावा, राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर हाल के विवाद पर अखिलेश ने टिप्पणी की थी कि संविधान निर्माताओं ने इसे वैकल्पिक बनाया है, राष्ट्रगान की तरह अनिवार्य नहीं। बिहार चुनावों से पहले भी अखिलेश ने एग्जिट पोल्स को भाजपा की ‘चाल’ बताते हुए महागठबंधन की जीत का दावा किया था, लेकिन रुझानों ने विपक्ष को झटका दिया।
बिहार के नतीजों ने विपक्षी खेमे में हंगामा मचा दिया है। दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय के बाहर ‘वोट चोरी’ के पोस्टर लगाकर प्रदर्शन हो रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी चुनावी हेरफेर का आरोप लगाया। महागठबंधन के नेता इमरान मसूद और पप्पू यादव ने कहा कि गठबंधन सरकार बनेगी। दूसरी ओर, एनडीए के नेता इसे ‘सुशासन’ की जीत बता रहे हैं। SIR, जो दो दशकों बाद पहली बार लागू हुआ, मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण था, जिसे विपक्ष ने ‘वोटर लिस्ट मैनिपुलेशन’ का हथियार बताया।
अखिलेश का यह बयान यूपी सहित अन्य राज्यों के आगामी चुनावों के लिए संकेत है, जहां सपा SIR जैसी प्रक्रियाओं पर नजर रखेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विपक्ष की एकजुटता की कोशिश है।





