
रिपोर्ट- मनीष उपाध्याय
हल्द्वानी जल संस्थान का करीब 22 करोड़ का बिल 14 हज़ार लोगों पर बकाया है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक यह खुलासा हुआ है। 660 पन्नो में मिली इस जानकारी में अनुसार जनता केवल उधार का पानी पी रही है। इन सबमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि पेयजल संस्थान ने अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझा।
ठीक इसके उलट दूसरी तरफ जिन घरों में कई महीनों से पानी की बूंद नहीं टपकी है। वहाँ पेयजल विभाग बिल पर बिल भेजे जा रहा है।
पिछले 15 से 20 सालों से 22 करोड़ 36 लाख रुपये का बकाया बिल 13 हज़ार पांच सौ लोगों से वसूल करने में हल्द्वानी पेयजल संस्थान नाकाम रहा है। जिसके कारण प्रतिवर्ष सरकार के राजस्व को करोड़ो का चूना लग रहा है।
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इसे अधिकारियों की नाकामी ही कहा जा सकता है कि पानी पीने के बाद बिल वसूल करने में विभाग फिसड्डी साबित हो रही है। बिल 1000 रुपये से लेकर 2 लाख तक के हैं। हर साल विभाग मार्च में बकाया बिल वाले लोगों का पेयजल संयोजन काट देने का दावा भी करता है। लेकिन सवाल यह है कि इतना सब होने के बाद भी 22 करोड़ 36 लाख का बिल लोगों का बकाया कैसे है।
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पेयजल अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों पर बिल बकाया है। उनके संयोजन विच्छेद करने की संस्तुति जिलाधिकारी को भेजी है। लेकिन विभाग यह बताने में सक्षम नही है कि 22 करोड़ 36 लाख की रिकवरी कब और कैसे होगी।
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