
रिपोर्ट- प्रवीण सेमवाल
रूद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और मिनी स्विटजरलैंड के नाम से विख्यात चोपता में इन दिनोें अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का डंडा चल रहा है। बुग्यालों में जिन स्थानों पर स्थानीय लोगों ने बिना अनुमति के अतिक्रमण किया है। उन्हें प्रशासन की ओर से हटाया जा रहा है। अभी तक 80 लोगों द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाने के फरमान जारी हो गये हैं। जबकि प्रशासन ने दो वन दरोगाओं और एक राजस्व उपनिरीक्षक को भी निलंबित कर दिया है।
तृतीय केदार के रूप में विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के आधार पड़ाव और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चोपता और दुगलविटटा में 100 से अधिक लोगों ने बिना प्रशासन और वन विभाग की अनुमति के बगैर अवैध अतिक्रमण कर रखा है। अवैध अतिक्रमण किये जाने से बुग्यालों की प्राकृतिक सुंदरता नष्ट हो रही है। अतिक्रमणकारियों को सहयोग करने वाले दो वन दरोगा और एक राजस्व उप निरीक्षक को प्रशासन ने बर्खास्त भी कर दिया है। सेंचुरी एरिया होने के बाद भी अतिक्रमणकारी यहां पक्के निर्माण कर रहे हैं।
अतिक्रमण के खिलाफ चल रहे प्रशासन के डंडे के बाद 80 से अधिक अतिक्रमणकारियों ने अपना बोरिया-बिस्तर समेट दिया है। अब अतिक्रमण करके अपनी रोजी-रोटी चला रहे लोगों के सम्मुख रोजगार का संकट भी पैदा हो गया है। चोपता से अतिक्रमणकारी वापस आने लगे हैं। अतिक्रमणकारियों में प्रशासन की ओर से की जा रही कार्यवाही के खिलाफ आक्रोश भी है।
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वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि बुग्यालों और सेंचुरी एरिया में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि अतिक्रमणकारी समय पर अतिक्रमण नहीं हटाते हैं तो प्रशासन स्वयं अतिक्रमण हटायेगा।