कांग्रेस नेता ने मोदी पर दागा बड़ा सवाल, कहा- जामा मस्जिद जाकर माफ़ी मांगेंगे पीएम ?

गुजरात चुनावनई दिल्ली। गुजरात चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण की तैयारी शुरू हो गई है। सूबे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के बीच ज़बरदस्त जंग देखने को मिल रही है। आलम ये है कि चुनावी मैदान की जंग के अलावा जुबानी बयानबाजी भी दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है।

वहीं अब वर्ष 1992 और सिख दंगों के रूप में एक और नया मुद्दा गुजरात में दस्तक दे चुका है। वैसे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दिए गए मणिशंकर के बयान ने राजनीतिक हलकों में भूचाल ला दिया था, बाद में भले ही कांग्रेस ने डैमेज कण्ट्रोल करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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वहीं अब और नया मुद्दा निकल कर सामने आ रहा है, जिसमें पीएम मोदी से माफ़ी मांगने की अपील की जा रही है। दरअसल, गुजरात चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान होने से ठीक पहले वर्ष 1992 और सिख दंगों का मुद्दा सामने आ गया है।

पंजाब से कांग्रेसी नेता चरण सिंह सपरा ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1992 में हुए दंगों के लिए जामा मस्जिद में जाकर माफी मांगेंगे? जैसा सोनिया गांधी ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में जाकर किया था।

इस बयान पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चुनावी फायदे के लिए इन मुद्दों को छेड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को 2002 के दंगों के लिए जामा मस्जिद जाकर माफी मांगनी चाहिए।

शाह ने कहा, ‘पूरा देश जानता है कि 2002 के दंगों में कांग्रेस से प्रेरित एनजीओ ने जितने भी फर्जी आरोप लगाए थे। सभी मामलों में मोदी जी पर कोई भी आरोप सिद्ध् नहीं हुआ’। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं जिसका संबंध राष्ट्रविरोधी संगठन से है और कांग्रेस उसके लिए सीट छोड़ती है।

एक कार्यक्रम के दौरान चरण सिंह ने दंगों का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘न तो मेरी पार्टी और न ही मैंने कभी भी 1984 के दंगों का समर्थन किया। उस समय सोनिया गांधी स्वर्ण मंदिर जाकर मीडिया के सामने उसके लिए माफी मांगी थी’। उन्होंने कहा मनमोहन सिंह ने संसद में खेद प्रकट किया था।

क्या अब नरेंद्र मोदी जामा मस्जिद जाकर 1992 के दंगों के लिए माफी मांगेंगे?’

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बता दें चरण सिंह सपरा का यह बयान ऐसे समय आया है जब गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है। पहले चरण के लिए हुए मतदान में तकरीबन 68 प्रतिशत लोगों ने मत डाले थे।

गौतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद दंगा भड़क उठा था। इसी तरह वर्ष 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए थे।

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