ड्यूटी के दौरान खर्राटे लेते रहे डॉक्टर साहब, सवाल करने पर भड़क गया अस्पताल प्रशासन

अंशुल जैन

बदायूं का जिला अस्पताल अव्यवस्थाओं और लापरवाही के लिए बदनाम हो चुका है। जिला अस्पताल में एक बार फिर नई कारगुजारी उजागर हुई है। इस बार डॉक्टर ड्यूटी के दौरान ही कुर्सी पर नींद का मजा लेते दिखे। जबकि मरीज उनके जागने की राह तकते रहे।

बदायूं जिला अस्पताल

जिला अस्पताल में कभी डाक्टर सोते मिलते हैं, तो कभी इलाज करने नहीं आते हैं। इसका खमियाजा मरीजों को उठाना पड़ता है।

बदायूं जिला अस्पताल इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान शनिवार सुबह 7:15 के करीब लापरवाह डॉक्टर गजेंद्र वर्मा सोते मिले। इस दौरान इमरजेंसी में मरीज डॉक्टर के जागने का इंतजार करते रहे। लेकिन लापरवाह डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखा। ड्यूटी पर तैनात फार्मिस्ट ने मरीज को इंजेक्शन लगाकर टरका दिया।

बता दें कि इमरजेंसी में शुक्रवार रात आठ बजे से शनिवार सुबह आठ बजे तक डॉ. गजेंद्र वर्मा की ड्यूटी थी। रात को डॉक्टर ड्यूटी पर आए और काम शुरू कर दिया।

इधर, सुबह लगभग 7:15 बजे देखा तो पता चला कि डॉक्टर कुर्सी पर बैठे-बैठे ही सो रहे थे। जबकि इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले डॉक्टर के जिला अस्पताल में आराम के लिए ईएमओ रूम बना हुआ। इसके बाद भी डाक्टर गजेंद्र वर्मा कुर्सी पर सोते रहे।

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मामले में सीएमएस ने ड्यूटी पर सो रहे डॉक्टर का सीधा पक्ष लिया उन्होंने कहा कि ये लापरवाही नहीं है। रात 8 से सुबह 8 तक ड्यूटी होती है। आजकल गर्मियों में मरीजों की संख्या ज्यादा रहती है। जिसकी वजह से झपकी आ गई हो गई। ये नेचुरल प्रकिया है।

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ये वही सीएमएस है जो जूनियर डॉक्टर नितिन के कॉल करने के बाद भी मरीज को देखने नहीं आये। और फोन पर ही मरीज को बाहर भेजने का फरमान सुना दिया था। ऐसे में सवाल ये उठता है कि ऐसे लापरवाह सीएमएस और डॉक्टरों पर कार्यवाही कब होगी।

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