पकौड़ा बेचने को ‘रोजगार’ बताने पर माकपा का मोदी पर हमला

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पकौड़े’ बेचने को रोजगार बताया है। माकपा ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि मोदी का यह बयान किसी भी रोजगार पैदा करने में उनकी ‘विफलता को उजागर’ करता है।

पकौड़ा बेचने को 'रोजगार'

मोदी ने बीते सप्ताह एक साक्षात्कार में दावा किया था कि कोई व्यक्ति जो सड़क पर पकौड़े की दुकान चलाता है, उसे रोजगार में लगा हुआ मानना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उसकी हर रोज की 200 रुपये की कमाई को किसी गणना में शामिल नहीं किया जाता।

मोदी ने यह भी कहा, “सच्चाई यह है कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है।”

माकपा की पत्रिका पीपुल्स डेमोक्रेसी के एक संपादकीय में कहा गया है, “प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि लोगों द्वारा सड़कों पर सामान बेंचकर बड़ी संख्या में रोजगार पैदा किया जा रहा है। ये ‘स्व रोजगार’ हैं।”

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इसमें कहा गया है, “यह मोदी का निराशाजनक दावा है। यह बीते साढ़े तीन सालों में मोदी सरकार द्वारा रोजगार पैदा करने व किसी सार्थक स्तर पर नई नौकरियां देने में बुरी तरह से विफलता को उजागर करता है।”

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संपादकीय में आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि भारत के कार्यबल का करीब आधा (46.6 फीसदी) स्वरोजगार में है। इसमें से 41 फीसदी हर साल सलाना 60,000 रुपये या 5000 रुपये प्रति माह कमाते हैं।

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