राज्यसभा में कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन निंदनीय- नायडू

राज्यसभानई दिल्ली। कांग्रेस सदस्यों का राज्यसभा में अपने रुख में नरमी लाने से इनकार करने और सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन लगातार जारी रखने पर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के सदस्यों के व्यवहार की आलोचना की और उनसे ऊपरी सदन की मर्यादा बनाए रखने का आग्रह किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात की एक रैली में अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के साथ मिलकर अपने देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस सदस्य सभापति के आसन तक आ गए, जिसके बाद नायडू ने कहा, “मर्यादा का ख्याल रखें, नियमों का पालन करें, मैं आपके व्यवहार की आलोचना करता हूं। मुझे ऐसा करने के लिए बाध्य न करें। आप अपनी सीट पर जाएं। वापस जाएं।”

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कांग्रेस सदस्यों ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सभी आरोपियों को अदालत द्वारा बरी किए जाने का मामला भी सदन में उठाया। सदस्यों ने कहा कि न्यायालय का आदेश संप्रग सरकार के उस पक्ष को मजबूत करता है, जिसमें कहा गया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन और दूरसंचार कंपनियों को लाइसेंस वितरण में कोई घोटाला नहीं हुआ।

नायडू ने बाद में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को उनका मुद्दा उठाने की इजाजत दी। आजाद ने प्रधानमंत्री द्वारा मनमोहन सिंह पर गुजरात चुनाव के दौरान पाकिस्तानी राजनयिकों से गुजरात चुनाव पर चर्चा करने का आरोप लगाने पर स्पष्टीकरण मांगा और 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने का मामला भी उठाया।

नायडू ने आजाद से आग्रह किया कि उन्होंने इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया है, इसलिए वह इस मामले को नहीं उठाएं।

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नायडू ने आसन के नजदीक आकर प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से कहा, “आप समुचित नोटिस दिए बगैर, कोई मुद्दा नहीं उठा सकते। मैं नियमों से परे नहीं जा सकता। सदन नियमों के मुताबिक चलता है। अगर कुछ बहुत गंभीर है तो सदन उसे प्राथमिकता देगा।”

नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति और राज्यसभा के पूर्व सभापति शंकर दयाल शर्मा की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “यह कुछ लोगों की आदत हो गई है। तीन-चौथाई सदन चर्चा चाहता है, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो यह चर्चा नहीं चाहते। आप आरोप लगाकर सदन को बाधित करना चाहते हैं। चिल्लाने के स्थान पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने आजाद से पार्टी सदस्यों को अपनी जगह पर जाने के लिए कहने का आग्रह किया।

कांग्रेस सदस्य हालांकि अपनी सीट पर वापस चले गए, लेकिन आनंद शर्मा लगातार अपनी सीट से बोलते रहे।

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नायडू ने आनंद शर्मा से कहा, “मैंने एक तरीका खोजने की कोशिश की और आप सबों को एकसाथ बैठने के लिए कहा। इससे ज्यादा मैं क्या कह सकता हूं। कृपया लोकतांत्रिक मूल्यों का आदर करें।”

नायडू ने कहा, “आपने (कांग्रेस सदस्य) लंबे समय तक देश पर शासन किया। आपके पास अनुभव है। आपका व्यवहार अच्छा नहीं है। आपलोग सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए मैं 2 बजे तक सदन स्थगित करता हूं।”

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