दिल्ली ब्लास्ट केस: NIA ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया आतंकी उमर का मददगार शोएब

10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के बाहर हुए कार बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बुधवार को बड़ी सफलता मिली। एजेंसी ने हरियाणा के फरीदाबाद के धौज गांव निवासी शोएब (उम्र करीब 35 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया।

यह गिरफ्तारी आतंकी उमर उन नबी (डॉ. उमर मुहम्मद) के सबसे करीबी सहयोगी के रूप में की गई है। शोएब ने धमाके से ठीक पहले उमर को छिपने की जगह दी थी और लॉजिस्टिकल सपोर्ट मुहैया कराया था, जिसमें गाड़ी, आवास और हमले से जुड़ी अन्य सुविधाएं शामिल थीं।

NIA के प्रवक्ता के अनुसार, शोएब इस केस में गिरफ्तार होने वाला सातवां आरोपी है। इससे पहले छह अन्य सहयोगियों—डॉ. मुजम्मिल शकील गनई (पुलवामा), डॉ. अदील अहमद रदर (अनंतनाग), मुफ्ती इरफान अहमद वागय (शोपियां), डॉ. शाहीन सईद (लखनऊ), आमिर राशिद अली (जिसके नाम पर विस्फोटक से भरी कार रजिस्टर्ड थी) और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश (तकनीकी सहायता देने वाला)—को हिरासत में लिया जा चुका है। शोएब को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसे रिमांड पर लिया जा सकता है।

जांच में सामने आया शोएब का रोल

NIA की जांच से पता चला है कि शोएब उमर का ‘मोबाइल वर्कस्टेशन’ चलाने में मददगार था। उमर, जो फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा मेडिकल प्रोफेशनल था, ने कैंपस के अपने कमरे में ही रासायनिक परीक्षण किए थे। शोएब ने धमाके से पहले उमर को नूंह (हरियाणा) ले जाकर उसकी बहन के घर ठहराया और हमले की तैयारी में सहयोग दिया। इस कार बम धमाके में 15 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।

आतंकी मॉड्यूल का इरादा विस्फोटकों को जम्मू-कश्मीर ले जाने का था, लेकिन आंतरिक कलह के कारण दिल्ली में ही हमला कर दिया गया। उमर खुद को ‘एमीर’ बताता था और बुरहान वानी का उत्तराधिकारी बनना चाहता था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने इस घटना को ‘आतंकी घटना’ घोषित किया है और सभी अपराधियों, सहयोगियों व प्रायोजकों को जल्द सजा दिलाने के निर्देश दिए हैं। NIA अब अन्य राज्यों में छापेमारी जारी रखे हुए है।

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