‘किंगमेकर’ का सालों पुराना दबदबा हुआ खत्म, जेल में ही हो गया बड़ा खेल!
नई दिल्ली। बिहार के किंग मेकर कहे जाने वाले आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव का जलवा कम होता दिखाई दे रहा है। चारा घोटाले के मामले में दोषी पाए जाने के बाद मिली साढ़े तीन साल की जेल ने रही-सही कसार भी पूरी कर दी। इसका सीधा उदाहरण बुधवार को सामने आया। रूल बुक के नियम-क़ानून के आगे लालू की लाचारगी साफ़ देखी गई।
दरअसल लालू ने जज के सामने रियायत की अपील की। उन्होंने कहा कि हर साल वह मकर संक्रांति धूमधाम से मनाते हैं। पर्व पर दही चूड़ा खाते हैं।
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ऐसे में उन्हें पर्व के दौरान तीन से अधिक समर्थकों से मिलने दिया जाए। मगर जज ने इस आधार पर रियायत बरतने से साफ इन्कार कर दिया।
हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि वह पर्व के दौरान उनके लिए जेल में ही दही-चूड़े का बंदोबस्त करा देंगे।
बता दें कि जेल में नियमों के अनुसार, लालू से हफ्ते में सिर्फ तीन लोग ही मुलाकात कर पाते हैं। उन्होंने इसी संख्या को बढ़ाने के लिए जज से अपील की थी।
खबरों के मुताबिक़ बुधवार को लालू और अन्य अभियुक्तों की सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी हुई। लालू ने इस दौरान जज शिवपाल सिंह से हफ्ते में उनसे मिलने वाले आगंतुकों की संख्या को बढ़ाने की दरख्वास्त की।
उन्होंने आगे इस बाबत मकर संक्रांति पर्व का हवाला दिया। कहा, “मेरे घर पर हर साल धूमधाम से दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता है। ऐसे में उन्हें समर्थकों से मुलाकात करने दी जाए। आपके पास तो अत्यधिक अधिकार हैं। आप ऐसा संभव कर सकते हैं।”
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जज इस पर जवाव देते हुए बोले, “लेकिन यह अधिकार विधायिका में निहित हैं। मैं आपके लिए जेल के भीतर ही दही और चूड़े का बंदोबस्त करा दूंगा।”
अब खबर है कि लालू के जेल में होने के कारण बिहार में पटना स्थित उनके आवास पर भी मकर संक्रांति का उत्सव फीका होने वाला है।
बता दें हर साल इस अवसर के तहत उनके आवास पर दही-चूड़ा भोज आयोजित किया जाता है। लेकिन इस बार यहाँ ऐसा कुछ नहीं होने वाला। इस बात की जानकारी खुद आरजेडी के नेताओं द्वारा की गई।
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