आखिर क्यों, सांप को दूध पिलाना विज्ञान के हिसाब से गलत है

हिंदू धर्म में नागपंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सर्प शिव भगवान के गले में विराजते हैं। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाने से भगवान खुश होते हैं। इस दिन सर्प को देखना भी काफी शुभ माना जाता है। आइये आज आपको नाग पंचमी से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में बताते हैं।

नाग पंचमी

नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने और लावा अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन सपेरे टोलियों में घर-घर घूमकर नागों के दर्शन करवाते हैं और भिक्षा मांगते हैं। श्रृद्धालु नागों को दूध पिलाने के साथ सपेरे को भी दान करते हैं।

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सांप एक रेप्टाइल जीव हैं। रेप्टाइल जीव को दूध हजम नहीं होता है। ऐसे में कई बार सांप को दूध पिलाने से उसकी मृत्यु तक हो जाती है। वहीं एक डॉक्ट्र का कहना है कि सांप का पाचन तंत्र इस प्रकार का नहीं होता कि वह दूध को हजम कर सकें। सांप एक कोल्डह ब्लएडेड और मांसाहारी रेप्टाहइल है। जबकि दूध का सेवन स्त नधारी करते हैं।’ ऐसा करके लोग अपने आराध्य  नाग देवता की पूजा के बजाए उनको नुकसान पहुंचाते हैं।

नाग पंचमी

मंदिर के पुजारी विद्या शंकर शुक्ला का कहना है कि नाग पंचमी का महत्वस इसलिए भी है कि माना जाता है कि भगवान शिव को उनके प्रिय नाग से कोई अलग नहीं कर सकता। इसलिए सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने से उनके इष्टए देव शंकर जी प्रसन्नभ होते हैं और भक्त जनों पर उनकी कृपा बनी रहती है।

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नागपंचमी के दिन सांपों की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस महीने रुद्राभिषेक करना भी काफी उत्तम माना जाता है। सांपों को दूध पिलाने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।

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