रायबरेली की ऊंचाहार सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के बागी विधायक मनोज कुमार पांडेय के पार्टी से निष्कासन के बाद अब उनकी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफे की चर्चा तेज हो गई है।

सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें उपचुनाव में टिकट और जीतने पर सरकार में अहम जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया है। सपा ने सोमवार को मनोज पांडेय समेत तीन विधायकों—अभय सिंह (गोसाईगंज) और राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज)—को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था।
निष्कासन और इस्तीफे की रणनीति
मनोज पांडेय ने फरवरी 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में सपा के व्हिप का उल्लंघन कर BJP प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना थी। सूत्रों के अनुसार, पांडेय सपा के टिकट पर चुने गए थे, लेकिन BJP नेतृत्व नहीं चाहता कि उनकी पुरानी पार्टी की छवि के साथ उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए। इसलिए, वह विधानसभा से इस्तीफा देकर उपचुनाव में BJP के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। जीतने पर उन्हें योगी सरकार में मंत्री पद मिलने की संभावना है, जैसा कि पहले दारा सिंह चौहान के मामले में हुआ था। चौहान ने सपा से इस्तीफा देकर BJP जॉइन की थी, लेकिन उपचुनाव में हारने के बाद उन्हें विधान परिषद के जरिए मंत्री बनाया गया।
मनोज पांडेय का सियासी सफर
चार बार के विधायक मनोज पांडेय का सियासी करियर प्रभावशाली रहा है। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव से शुरुआत की और 2004-07 व 2012-17 की सपा सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे। सपा में वह राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश उपाध्यक्ष और विधानसभा में मुख्य सचेतक जैसे अहम पदों पर रहे। फरवरी 2024 में राज्यसभा चुनाव के दौरान उनकी बगावत ने सपा को बड़ा झटका दिया, जब सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर BJP के सभी आठ प्रत्याशियों को जिता दिया। पांडेय ने 18 मई 2024 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और लाखों लोगों की मौजूदगी में BJP की सदस्यता ग्रहण की थी।
BJP का आश्वासन और रणनीति
सूत्रों के अनुसार, BJP ने पांडेय को आश्वासन दिया है कि उपचुनाव में जीतने पर उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। यह रणनीति इसलिए अपनाई जा रही है ताकि सपा के टिकट पर जीते विधायक के रूप में उनकी छवि को बदला जाए और BJP कार्यकर्ताओं को यह संदेश जाए कि वह पूरी तरह पार्टी के साथ हैं। पांडेय ने अपने निष्कासन पर हल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी, कहते हुए कि वह तो एक साल पहले ही BJP में शामिल हो चुके थे और सपा का निष्कासन हास्यास्पद है। उन्होंने 17 मई 2024 को पीएम मोदी की रैली में सार्वजनिक रूप से BJP जॉइन की थी।
सपा का सख्त रुख
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तीन विधायकों को निष्कासित कर यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सपा ने बयान जारी कर कहा कि अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय ने “साम्प्रदायिक और नकारात्मक राजनीति” की और किसानों, महिलाओं, युवाओं, व्यापारियों और PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के खिलाफ काम किया। पार्टी ने बाकी चार बागी विधायकों—पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडे—को अभी निष्कासित नहीं किया है, क्योंकि उनका व्यवहार सुधरा हुआ बताया जा रहा है।
आगे की राह
पांडेय के इस्तीफे से उपचुनाव की संभावना बढ़ गई है, और BJP उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक सकती है। हालांकि, कुछ स्थानीय लोग, खासकर रायबरेली में ब्राह्मण समुदाय, उनके BJP में शामिल होने के फैसले से नाराज हैं। दूसरी ओर, सपा ने मनोज पांडेय की सदस्यता समाप्त करने की बात भी कही थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा है। यह घटनाक्रम सपा और BJP के बीच सियासी जंग को और तेज करने वाला है।