
अब ग्राहकों को और भी ज्यादा अधिकार देने और पहले से ज्यादा व्यवस्था को ठीक करने के लिए लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण बिल पर पास हो गया है। यह बिल राज्यसभा में पास होने के बाद 1986 में पास हुए बिल कानून उपभोक्ता संरक्षण की जगह लेगा।
इस बिल में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव है। यह प्राधिकरण अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों को रोकने और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप कर सकता है।
बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए बीते तीन से भी अधिक दशक से बड़ा प्रयास नहीं हुआ है। जबकि इस बीच ऑन लाइन मार्केटिंग समेत व्यापार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पुराने कानून में बदलाव की जरूरत है।