SIR पर ममता बनर्जी का यू-टर्न: विरोध से निगरानी तक, TMC कार्यकर्ताओं को BLO के साथ जाने का निर्देश; BJP बोली- डर गईं दीदी

पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) को लेकर शुरू हुआ सियासी घमासान अब नई करवट ले चुका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शुरू में SIR को ‘NRC की साजिश’ बताकर कोलकाता में विशाल रैलियां निकालीं और केंद्र-चुनाव आयोग पर ‘मौन अदृश्य धांधली’ का आरोप लगाया, लेकिन अब ममता का रुख बदल गया है—उन्होंने TMC कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) के साथ जाने और प्रक्रिया की निगरानी करने का निर्देश दिया है ताकि किसी पात्र वोटर का नाम न कटे। खुद ममता के घर BLO फॉर्म लेकर पहुंचे, जिसे उन्होंने भरकर वापस करने का वादा किया। यह यू-टर्न केंद्र के दबाव और कानूनी बाधाओं से बचने की रणनीति माना जा रहा है।

शुरू में कड़ा विरोध: रैलियां, अनशन, दिल्ली धरने की धमकी

SIR की घोषणा के बाद ममता ने 4 नवंबर को कोलकाता में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मार्च निकाला, संविधान की प्रतियां लहराते हुए ‘No SIR in Bengal’ के नारे लगवाए। अभिषेक बनर्जी ने BLO को ‘मन-मार्किंग’ करने और एक लाख लोगों को दिल्ली ले जाकर धरना देने की धमकी दी। TMC ने इसे ‘घुसपैठियों को हटाने का बहाना’ बताकर अल्पसंख्यकों में डर फैलाने का आरोप लगाया। कुछ आत्महत्याओं को SIR के डर से जोड़ा गया।

अब नया रुख: BLO के साथ सहयोग, नए वोटर जोड़ें, गलत कटौती पर आपत्ति

एक हफ्ते में TMC ने गियर बदला। ममता ने निर्देश दिए कि BLO के साथ जाएं, नए वोटर जोड़ें और अनुचित नाम कटौती पर आपत्ति दर्ज करें। खुद BLO उनके कालीघाट घर पहुंचे, फॉर्म सौंपा, जिसे ममता ने भरकर लौटाने का कहा। TMC ने सभी 84,000 बूथों पर बूथ लेवल एजेंट (BLA) तैनात करने और हेल्पडेस्क खोलने का ऐलान किया। अभिषेक बनर्जी ने वॉर रूम बनाकर निगरानी का प्लान बनाया।

BJP का तंज: डर गईं ममता, अनुच्छेद 356 की धमकी

बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने 30 अक्टूबर 2024 को कहा था कि ममता की अराजकता से अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लग सकता है। अब उन्होंने यू-टर्न पर हमला बोला, “ममता डर गईं, क्योंकि SIR रोकने पर संवैधानिक संस्था की अवमानना होगी। केंद्र के पास दबाव के कई तरीके हैं।” BJP ने SIR को पारदर्शिता का कदम बताया और TMC पर घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया।

क्यों बदला रुख? कानूनी सलाह और केंद्र का दबाव

विशेषज्ञों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में SIR को हरी झंडी दी थी, इसलिए TMC को कानूनी झटका लग सकता था। ममता को सलाह मिली कि टकराव से ‘अड़ंगा’ का ठप्पा लगेगा। अब निगरानी से TMC वोटरों को जोड़ने और कटौती रोकने की कोशिश कर रही है। BLO ने भी सुरक्षा मांगकर विरोध किया, जिससे प्रक्रिया प्रभावित हुई।

SIR 4 नवंबर से शुरू हो चुका है, 4 दिसंबर तक चलेगा। ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर, फाइनल 7 फरवरी 2026 को। 2026 चुनाव से पहले यह प्रक्रिया तमिलनाडु की राजनीति का बड़ा फैक्टर बनेगी।

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