जयशंकर ने रूसी तेल खरीद पर ट्रंप के टैरिफ पर पलटवार किया कहा ‘अगर आपको कोई समस्या है, तो न खरीदें

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार को लेकर अमेरिका और यूरोप को तीखा जवाब दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार को लेकर अमेरिका और यूरोप को तीखा जवाब दिया। ट्रंप प्रशासन के हालिया आरोपों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें। कोई आपको इसे खरीदने के लिए मजबूर नहीं करता।” उन्होंने आगे कहा, “यह हास्यास्पद है कि एक व्यापार-समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लिए काम करने वाले लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “लोग एक-दूसरे से बात करते हैं। ऐसा नहीं है कि वहां कोई ‘कुट्टी’ है… जहां तक ​​हमारा सवाल है, रेड लाइन मुख्य रूप से हमारे किसानों और कुछ हद तक हमारे छोटे उत्पादकों के हितों से संबंधित हैं… हम, एक सरकार के रूप में, अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पर बहुत दृढ़ हैं। यह ऐसी चीज नहीं है जिस पर हम समझौता कर सकें विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि रूसी तेल खरीदने में भारत अकेला नहीं है, चीन, यूरोपीय संघ तथा अन्य देशों के भी रूसी तेल खरीदने के समान ही संबंध हैं, लेकिन उन्हें इस प्रकार का दंड नहीं देना पड़ा है।

जयशंकर ने तर्क दिया कि अमेरिका एक चयनात्मक और पक्षपातपूर्ण नीति लागू कर रहा है, तथा उन्होंने कहा कि चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है, फिर भी उसे इसी प्रकार की व्यापारिक कार्रवाइयों का सामना नहीं करना पड़ा है। हम सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं। दूसरे भी ऐसा कर रहे हैं। तो फिर हम ही क्यों?” उन्होंने दोहराया कि भारत की ख़रीद वैश्विक बाज़ार की प्रथाओं और ज़रूरतों के अनुरूप है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने पहले भी भारत को रूस से ख़रीद सहित वैश्विक ऊर्जा बाज़ारों को स्थिर करने में मदद के लिए प्रोत्साहित किया था।

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