स्वाइन फ्लू से लगातार बढ़ रहा मरीजों का आंकड़ा

स्वाइन फ्लू से पिछले दो दिनों में राजधानी में दो मरीजों की मौत हो गई। दोनों मरीजों की मौत श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में हुई है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि चमोली निवासी 65 वर्षीय महिला और देहरादून निवासी 56 वर्षीय पुरुष मरीज की उपचार के दौरान मौत हुई। वहीं, 21 नए मरीजों में भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब तक राजधानी में स्वाइन फ्लू से कुल 29 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या 257 पहुंच गई है।

स्वाइन फ्लू

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की स्वाइन फ्लू लैब की प्रमाणिकता पर सवाल उठाए हैं। टीम के अनुसार लैब का न तो नियमित नवीनीकरण कराया गया और न ही एनसीडीसी को रेंडम चेकिंग के लिए सैंपल भेजे गए। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों का खंडन किया है।

राज्य में स्वाइन फ्लू से बचाव और उपचार का जायजा लेने दिल्ली से पहुंची टीम ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश की किसी भी लैब को स्वाइन फ्लू मरीजों की जांच के लिए मानकों के अनुसार न होने की जानकारी दी है। टीम ने बताया कि जांच के दौरान श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में करीब 70 फीसदी मरीजों के अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने की जानकारी सामने आई है, जिनकी मौत का एकमात्र कारण स्वाइन फ्लू नहीं हो सकता।

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टीम ने बताया कि अस्पताल की लैब केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार काम नहीं कर रही है। एनसीडीसी से लैब का नियमित नवीनीकरण नहीं कराया गया है। लैब को पांच फीसदी सैंपल क्रॉस चेकिंग के लिए एनसीडीसी दिल्ली भेजने थे, जो नहीं भेजे गए। पिछले दो वर्षों में जो भेजे गए, उन सैंपल के परिणामों में भिन्नता मिली थी।

टीम ने अस्पताल में इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस को मानकानुसार प्रयोग न करने का भी आरोप लगाया। साथ ही आईसीयू प्रबंधन में खामी और संदिग्ध इनफ्लूएंजा मरीजों के लिए अलग से ओपीडी व्यवस्था न होने की भी जानकारी दी है। टीम ने अस्पताल में भर्ती स्वाइन फ्लू मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए एनसीडीसी दिल्ली भेजने के निर्देश दिए हैं। टीम में जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. प्रणय वर्मा, छाती एवं सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सूरी और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. रूषिका सक्सेना शामिल रहे।

सरकारी व्यवस्था को क्लीन चिट
केंद्रीय टीम ने सरकारी स्वास्थ्य विभाग को क्लीन चिट दी है। टीम ने सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए पर्याप्त उपाय करने और दवाइयों व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की जानकारी दी है।

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लैब की प्रमाणिकता को लेकर शिकायत नहीं
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल स्थित उत्तराखंड की एकमात्र मॉलिक्यूलर लैब की प्रमाणिकता को लेकर एनसीडीसी को कोई शिकायत नहीं है। स्वाइन फ्लू लैब को हर वर्ष नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होती है। हमारी लैब सभी मानकों और मापदंडों को पूरा कर रही है। एनसीडीसी ने लैब की गुणवत्ता संबंधित किसी भी शिकायत से इंकार किया है। अस्पताल की ओर से क्रॉस वैरिफिकेशन के लिए पांच से 10 फीसदी सैंपल नियमित रूप से एनसीडीसी को भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट शत-प्रतिशत सही आई है। जिन मरीजों की मौत स्वाइन फ्लू से हुई, उनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग को भेजे गए थे।

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