अब QR कोड की मदद से मिनटों में पहचानें नकली दवाएं, जानें कैसे करें पहचान…

सरकार ने दवाओं की नकल पर अंकुश लगाने के लिए क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया है। इससे असली और नकली दवा की पहचान महज चंद सेकेंडों में की जा सकेगी।

उपभोक्ता टैबलेट से लेकर कफ सीरप तक किसी भी दवा पर मौजूद क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन कर दवा की हकीकत के बारे में आसानी से जान सकेगा।

क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन कर दवा की हकीकत

फार्मास्युटिकल मंत्रालय के अनुसार, सरकारी अस्पतालों, जन औषधि केंद्रों पर आपूर्ति की जाने वाली दवाओं पर आगामी एक अप्रैल से क्यूआर कोड अनिवार्य है।

वहीं बाजार में बिकने वाली अन्य सभी दवाओं के लिए यह व्यवस्था एक अप्रैल, 2020 से लागू करने का आदेश है।

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दवा कंपनियों ने मंत्रालय के आदेश के अनुपालन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। क्यूआर कोड से उपभोक्ताओं के साथ सीधे तौर पर कंपनियों को भी फायदा मिलेगा।

नकल से हर साल कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान देश में व्यापार करने वाली दवा कंपनियों को होता है।

दूसरी ओर मरीज को नकली दवा असर नहीं करती और उसका मर्ज बढ़ जाता है।

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