राजस्थान के सीकर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध खाटूश्याम जी मंदिर में निर्जला एकादशी (6 जून 2025) के पावन अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

बाबा श्याम के दरबार में आस्था का ऐसा माहौल देखने को मिला कि मंदिर परिसर में पैर रखने की जगह नहीं बची। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है, और सभी भक्तों को सामान्य कतार में लगकर दर्शन करने के निर्देश दिए गए हैं।
दो दिवसीय मेले की शुरुआत
निर्जला एकादशी के साथ ही बाबा श्याम का दो दिवसीय मासिक मेला भी शुरू हो गया है। श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर 5 लाख से अधिक श्रद्धालु खाटूधाम पहुंच सकते हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए रींगस से खाटूधाम तक के मार्ग को वन-वे और नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जहां केवल पैदल यात्री और श्याम भक्त ही प्रवेश कर सकते हैं। मंढा मोड़ से वाहनों का आवागमन संभव है।
भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम
मंदिर समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। गर्मी से बचाव के लिए पैदल मार्गों पर कालीन बिछाए गए हैं, ठंडे पानी की छिड़काव व्यवस्था की गई है, और मंदिर परिसर में मुफ्त पानी के पाउच वितरित किए जा रहे हैं। व्रत के लिए उपयुक्त नींबू पानी, छाछ, लस्सी, दूध, और चाय की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा, बिजली, पानी, छाया, और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सुरक्षा के लिए 1500 से अधिक पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात किए गए हैं, साथ ही 200 से ज्यादा स्वयंसेवक व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।
निर्जला एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी का विशेष आध्यात्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बिना जल ग्रहण किए व्रत करने से वर्ष की सभी 24 एकादशियों का पुण्य प्राप्त होता है। भक्त इस अवसर पर भगवान विष्णु और खाटूश्याम जी (बर्बरीक) की पूजा करते हैं, मौसमी फल जैसे आम, तरबूज, और खरबूज का दान करते हैं, और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
72 घंटे खुले रहेंगे मंदिर के कपाट
भक्तों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर के कपाट अगले 72 घंटों तक लगातार खुले रहेंगे, ताकि सभी को बिना किसी रुकावट के दर्शन का अवसर मिले। मंदिर समिति का कहना है कि सच्चे मन से बाबा श्याम को स्मरण करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कई भक्त इस अवसर पर अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत बाबा के आशीर्वाद से करते हैं।
विवाद और चुनौतियां
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि वीआईपी दर्शन पर रोक के बावजूद कुछ लोग विशेष व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा, दिव्यांग भक्तों के लिए दर्शन की समुचित व्यवस्था न होने की शिकायतें भी सामने आई हैं। मंदिर समिति और प्रशासन इन मुद्दों को हल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।