उत्तराखंड में मौसम का मिजाज आज, 31 मई 2025 को भी बिगड़ा रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ जिलों के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है।

पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ इलाकों में तेज बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, राज्य के कुछ हिस्सों में 40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भी आशंका है। मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में मौसम बदला रहेगा, और 1 जून 2025 से शुरू होने वाला जून महीना भी मई की तरह बारिश और अस्थिर मौसम के साथ शुरू होगा।
मौसम का विवरण
- 31 मई 2025:
- बारिश: उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, और पिथौरागढ़ में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना। कुछ स्थानों पर भारी बारिश (64.5-115.5 मिमी) हो सकती है।
- येलो अलर्ट: पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का अलर्ट। स्थानीय स्तर पर जलभराव और भूस्खलन की आशंका।
- तेज हवाएं: 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने का खतरा।
- तापमान: पर्वतीय क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 10-15°C और अधिकतम 20-25°C, जबकि मैदानी क्षेत्रों (देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर) में न्यूनतम 20-22°C और अधिकतम 30-34°C रहने की संभावना।
- अन्य क्षेत्र: टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, और चंपावत में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। मैदानी क्षेत्रों जैसे देहरादून और हरिद्वार में भी छिटपुट बारिश संभव।
- 1-5 जून 2025:
- जून की शुरुआत में भी मौसम अस्थिर रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और चक्रवाती हवाओं के प्रभाव से बारिश और तेज हवाएं जारी रहेंगी।
- 1-2 जून को पर्वतीय जिलों में मध्यम बारिश और मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना।
- 3-5 जून तक बारिश की तीव्रता कम हो सकती है, लेकिन बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मौसम की वजह
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं के कारण उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। इसके साथ ही, स्थानीय स्तर पर चक्रवाती हवाएं और निम्न दबाव का क्षेत्र मौसम को अस्थिर कर रहे हैं। यह स्थिति मई के अंत और जून की शुरुआत में बारिश और ठंडक को बढ़ा रही है।
प्रभाव और चेतावनी
- पर्वतीय क्षेत्र:
- भूस्खलन और सड़क अवरुद्ध होने का खतरा, खासकर NH-7, NH-94, और चारधाम यात्रा मार्गों पर।
- नदियों और नालों में जलस्तर बढ़ने की आशंका; अलकनंदा, भागीरथी, और मंदाकिनी नदियों के किनारे सतर्कता बरतें।
- बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश से फ्लैश फ्लड की संभावना।
- मैदानी क्षेत्र:
- देहरादून, हरिद्वार, और ऊधमसिंह नगर में जलभराव और यातायात बाधित हो सकता है।
- तेज हवाओं से बिजली के खंभे और पेड़ गिरने का जोखिम।
प्रशासन की तैयारी
- मौसम विभाग की सलाह:
- पिथौरागढ़ और बागेश्वर में स्थानीय प्रशासन को भूस्खलन और जलभराव के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
- चारधाम यात्रियों को सतर्क रहने और मौसम अपडेट्स का पालन करने की सलाह।
- किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे फसलों को बारिश से बचाने के लिए उचित इंतजाम करें, खासकर गेहूं और मसूर की कटाई में देरी करें।
- जिला प्रशासन:
- उत्तरकाशी, चमोली, और रुद्रप्रयाग में आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर हैं। राहत सामग्री और मशीनरी तैयार रखी गई है।
- देहरादून और हरिद्वार में जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश।
- बिजली विभाग को तेज हवाओं के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में तुरंत मरम्मत के लिए तैयार रहने को कहा गया।