राजस्थान के टोंक जिले में गुरुवार को विधायक कोटे से बने सभा भवन के लोकार्पण के अवसर पर पहुंचे कांग्रेस नेता और टोंक विधायक सचिन पायलट ने राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के हालिया छापेमारी अभियान पर तीखा हमला बोला।

पायलट ने कहा कि मंत्री की छापेमारी “चोर बजारियों” को निशाना बना रही है या “अपने ही लोगों को बेनकाब” कर रही है, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने खाद-बीज घोटाले में राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करते हुए सवाल उठाया कि इतने बड़े पैमाने पर मिलावट और कालाबाजारी बिना किसी बड़े “आशीर्वाद” के कैसे संभव है।
पायलट का बयान
पायलट ने कहा, “राज्य में मंत्री स्वयं छापे मार रहे हैं, लेकिन उनकी कार्रवाई से सत्ता के बड़े केंद्र विचलित हो रहे हैं। यह दिखाता है कि मामला सिर्फ मिलावट या कालाबाजारी का नहीं, बल्कि सत्ता के भीतर का खेल है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद-बीज घोटाले जैसे बड़े अपराध बिना राजनीतिक संरक्षण के नहीं हो सकते। पायलट ने मांग की कि सरकार केवल छोटे स्तर के लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय असली मास्टरमाइंड को पकड़े और जेल भेजे। उन्होंने कहा, “यदि सरकार गंभीर है, तो दिखावटी कार्रवाई नहीं, बल्कि असली गुनहगारों को बेनकाब करना होगा।”
गुर्जर महापंचायत पर टिप्पणी
पायलट ने पीलूपुरा में प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि संविधान में दिए गए अधिकारों और गजट नोटिफिकेशन का पालन न होने पर जनता को सवाल उठाने का पूरा हक है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “यदि सामाजिक न्याय सिर्फ कागजों तक सीमित रहा, तो समाज आंदोलन करेगा।” पायलट ने गुर्जर समुदाय के आरक्षण और अन्य मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार की जवाबदेही पर जोर दिया।
पायलट का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब किरोड़ी लाल मीणा ने श्रीगंगानगर और अजमेर के किशनगढ़ में नकली खाद और बीज बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापेमारी की, जिसमें हजारों नकली डीएपी, एसएसपी, और जिप्सम के कट्टे जब्त किए गए। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि मीणा की कार्रवाइयां उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं को असहज कर रही हैं। पायलट ने इस मुद्दे को उठाकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या ये छापे सत्तारूढ़ दल के भीतर की सियासत को उजागर कर रहे हैं।
किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में नकली खाद और बीज के खिलाफ अभियान चलाया है, जिसे कुछ लोग किसानों के हित में उठाया गया कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे सियासी ड्रामा बता रहे हैं। पायलट का बयान बीजेपी सरकार के भीतर और बाहर चल रही सियासी खींचतान को और गर्म कर सकता है।