सियासी उठापटक में फंसा जानकी पुल निर्माण, मंत्री का दावा- अक्टूबर तक हो जाएगा तैयार

देहरादून। पवित्र योग नगरी ऋषिकेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाले जानकी पुल सियासी वर्चस्व के भेंट चढ़ चुका है। वैसे तो ये कोई पहला मामला नहीं है। जहां राजनीतिक खींचतान के चलते कोई काम अधूरा पड़ा हो। ऐसा किसी भी सूबे के पूर्व और वर्तमान सरकार के मतभेद में साफ़तौर से देखेने को मिल जाता है।

ऋषिकेश

दरअसल, 2013 में शुरू हुए जानकी पुल का काम 2016 में बंद कर दिया गया था एक जांच के नाम पर यह शुरू ही नहीं हो पाया। हालांकि राज्य के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि जल्द ही यह पुल स्वीकृत होगा।

बता दें साल 2013 में 35,45,53,000 की लागत में यह पुल स्वीकृत हुआ था। साल 2016 तक इस पर 32 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके हैं। काम बंद होने के बाद समय बढ़ने के साथ ही इसकी लागत 35 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ पहुंच गई है।

यह लोक निर्माण विभाग नरेन्द्र नगर ने जानकी सेतु के निर्माण का काम हिलवेज कम्पनी को दिया था। जानकी सेतु को अर्द्धकुम्भ 2016 में बनकर तैयार हो जाना था। लेकिन प्रोजेक्ट की डेडलाइन दो बार बढ़ चुकी है। विभाग और निर्माण कम्पनी के सुस्त रवैये और राजनीतिक कारणों के कारण पुल के पिलर ही तैयार हो पाए।

बता दें जानकी पुल को प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है और यह भी कहा जाता है कि हरीश रावत सरकार में हुए राजनीतिक उठापटक के बाद पुल का काम रोक दिया गया और इसके निर्माण कार्यों में कथित धांधली की जांच के लिए जांच बैठा दी गई थी।

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विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई सगठन समय-समय पर जानकी पुल निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे हैं लेकिन पुल का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इस मामले में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि उनकी जानकी पुल के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से बात हुई है।

सुबोध उनियाल यह भी दावा करते हैं कि जानकी पुल इस वर्ष सितम्बर अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।

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उनियाल के अनुसार उन्होंने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मांग की है कि किसी आईएएस अधिकारी के अगुवाई में इंजीनियर की टीम बना कर जांच जल्द पूरी कर ली जाए। जांच में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए, लेकिन पुल के निर्माण को न रोका जाए।

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