बैन के बावजूद मिलेगी शराब, बस जपिए ‘मोदीजी’ की माला

बिहार में शराबपटना। बिहार में शराब बैन है। चुनाव जीतने के लिए नीतीश कुमार ने शराब बैन को ब्रम्हास्त्र बनाया था। ऐसा हुआ भी। नीतीश सीएम बने और महिलाओं की इस डिमांड को सर आंखों पर रख शराबबंदी लागू कर दी। इसके बाद पियक्कड़ों ने राज्य से सटे दूसरे राज्यों का रुख किया। शौक पूरा करने के लिए। टल्ली होने के लिए तो नेपाल तक पहुंच गए।

अब खबर आ रही है कि ‘सुशासन’ में शराब बैन होने के बावजूद धडल्ले से बिक रही है। लेकिन अब ये शौक तभी पूरा कर पाएंगे जब आप अपने मुंह से ‘मोदीजी’ और ‘रामजी’ बोलेंगे। साथ ही होम डिलीवरी भी हो रही।

पहलाः एक राम जी का फोटो भेज दो।

दूसराः ऐसा करो कि राधेश्याम की दो छोटी तस्वीरें जगह पर रख देना, मेरा आदमी कलेक्ट कर लेगा।

तीसराः अगर बद्रीनाथ की पिक्चर हो तो भी ठीक रहेगा।

चौथाः मोदीजी की फोटो का दाम अभी क्या है?

पांचवाः खटमल मारने की पुड़िया

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बिहार में शराब के लिए ये सारे कोड नेम है। पहला रम के लिए, दूसरा रायल स्टैग व्हिस्की, तीसरा ब्लेन्डर प्राइड और चौथा हंड्रेड पाइपर और उससे महंगी शराब के लिए। पांचवा रंगीन देशी पाउच पाने के लिये। धड़ल्ले से गांव और शहरी क्षेत्रों में होम डिलीवरी है और ‘सुशासन बाबू’ का दावा है कि शराब बैन सफल है।

फोन पर ऑर्डर का तरीका

भगवान राम की दो बड़ी मूर्ति भेज दो। मतलब दो बोतल रम देना। राधेश्याम या विष्णु भगवान की छोटी मूर्ति का मतलब है रायल स्टैग व्हिस्की का क्वार्टर। पीएम नरेन्द्र मोदी की फोटो अरेंज करो की मांग से बेचने वाला ताड़ जाता है कि पार्टी को महंगी दारू की चाहत है।

लगभग 12 करोड़ आबादी के इस प्रदेश को संभालने वाले सीएम नीतीश कुमार 17 अक्टूबर को मौर्या होटल के एक कार्यक्रम में दावा कर रहे थे कि शराबबंदी सफल है तो वहीं दूसरी तरफ एक और जगह कह रहे थे कि ‘कुछ ताकतवर लोग तथा लक्ष्मी प्रेमी अफसर गलत कामों में लिप्त धंधेबाजों की मदद कर रहे हैं। हम जनता की सहयोग से इसे सफल बना कर ही रहेंगे‘। बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराब बैन है।

18 अक्टूबर को अपने एक चर्चित कार्यक्रम में जी न्यूज बिहार के स्थानीय संपादक कुमार प्रबोध ने खुलासा किया कि ‘सरकारी सूत्र हमको बताते हैं कि राज्य में प्रतिमाह 1000 करोड़ रूपए का शराब का कारोबार चल रहा है’।

कार्यक्रम में शामिल सरकारी पार्टी के प्रवक्ता भी मान रहे थे कि बड़े पैमाने पर शराब माफिया सक्रिय हैं जो शराबबंदी को असफल बना रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता सरकार को इस सवाल पर बचाव करने में असहज महसूस कर रहे थे।

तो वहीं राजद विधायक शक्ति यादव ताल ठोककर बोले ‘मैं पूरी जवाबदेही से कह रहा हूं कि अधिकारी 25 गाड़ी शराब सीमा से पार कराते हैं, गुमराह करने के लिए एक गाड़ी पकड़वाते हैं और सोशल मीडिया पर फोटो डालकर वाहवाही लूटते हैं।’

बिहार में शराब बैन की सफलता की पोल सरकारी आंकड़ा भी खोलता है। अगस्त 2017 तक 8.52 लाख लीटर विदेशी एवं 5.46 लाख लीटर देशी दारू पुलिस ने जब्त किया है। 71500 लोग पकड़े जा चुके हैं। 810 प्राइवेट तथा 85 व्यवसायिक भवनों को सील किया जा चुका है। 2422 बाइक तथा 1006 चार पहिया गाड़ियों को सीज किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि 50 सब और असिस्टेंट इंस्पेक्टर तथा 48 हवलदारों के खिलाफ धंधेबाजो को हेल्प करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।

बढ़ी गांजे की बिक्री

सूबे में गांजा की बिक्री भी काफी बढ़ गई है। विक्रमगंज के पास के एक गांव के पुराने गांजा व्यवसायी खुश है। स्मगलिंग पुनः शुरू हो गई है। दरअसल गरीब पियक्कड़ गांजे निर्भर हो गए हैं।

साभार : फर्स्ट पोस्ट

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