आखिर क्या है प्रधानमंत्री मोदी का ‘JAM’ मॉडल, IIT गांधीनगर में रखा विकास का स्वरुप

गांधीनगर में IIT कैंपसगांधीनगर। अपनी जन्मभूमि पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक झलक पाने के लिए उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान पीएम ने गुजरात के गांधीनगर में IIT कैंपस का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने डिजिटल साक्षरता को देश के कोने कोने तक पहुंचाने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ‘JAM’ फॉर्मूले पर काम कर रही है। ‘J’ का मतलब जनधन बैंक खाता। ‘A’ मतलब ‘आधार’ और ‘M’ मतलब मोबाइल फ़ोन।

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि देश में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए सभी को ‘JAM’ नेटवर्क से जोड़ा जाए।

पीएम मोदी के भाषण की प्रमुख बातें

पीएम ने डिजिटल साक्षरता के लिए जागरूक होने का एक उदाहरण देते हुए कहा कि क्या लोग व्हाट्सएप फॉरवर्ड करने के लिए कोई क्लास लेते हैं? उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए कोई इंस्टीट्यूट है? देश के हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को पहुंचाने का काम चल रहा है। आज छोटे-छोटे गांव में भी डिजिटल शिक्षा देने का लक्ष्य पूरा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि घर में बच्चों को रिमोट से टीवी का चैनल बदलते देख बुजुर्ग भी ऐसा करना सीख जाते हैं।

प्रधानमंत्री ने IIT गांधीनगर में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की टॉप-500 यूनिवर्सिटी में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है और हमें यह कलंक मिटाना होगा।

उन्होंने कहा, ‘सरकार देश के अलग-अलग हिस्सों में डिजिटल लिटरेसी बढ़ाने के लिए काम कर रही है। अगर यूजर फ्रेंडली टेक्नोलॉजी बनाई जाए तो हम डिजिटल लिटरेसी की तरफ और तेजी से बढ़ सकते हैं और उसे बहुत आसानी से सीख सकते हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम दुनिया के सामने यह कर सकते हैं कि हमारी यूनिवर्सिटी भी दुनिया के गिने-चुने टॉप विश्वविद्यालयों में शुमार हो जाए।

डिजिटल साक्षरता पर बोलते हुए पीएम ने कहा, ‘हमारी सरकार का लक्ष्य देश के हर गांव को डिजिटल बनाना है।

उन्होंने कहा ग्रामीण भारत में डिजिटल शिक्षा का सपना पूरा होगा और हर तबके को तकनीक से जोड़ा जाएगा।

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प्रधान सेवक ने सोलर एनर्जी से चलने वाले कुकिंग इक्विपमेंट बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे गरीबों को गैस का पैसा बचेगा।

इन सबके के बीच विपक्षी पार्टियों पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर मैंने चुनाव के समय यहां जमीन दिया होता तो आज जैसे बुलेट ट्रेन का विरोध हो रहा है वैसे ही इसका होता।

वहीं प्रधानमंत्री ने जनता को सचेत करते हुए कहा कि हमें ध्यान रखना होगा की देश में डिजिटल डिवाइड पैदा न हो।  ऐसी डिवाइस से समाज में बड़ा असंतुलन पैदा हो जाएगा।

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