कोलकाता गैंगरेप मामला: साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में दुष्कर्म, गार्ड सहित इतने गिरफ्तार

कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम एक 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ हुए कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने पूरे शहर में सनसनी मचा दी है। इस जघन्य अपराध में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें कॉलेज का सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) भी शामिल है।

इससे पहले, पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19), और प्रोमित मुखोपाध्याय (20) को हिरासत में लिया था। इस घटना ने पिछले साल अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई बलात्कार और हत्या की घटना की यादें ताजा कर दी हैं।

पीड़िता की शिकायत के अनुसार, 25 जून को वह परीक्षा संबंधी फॉर्म भरने के लिए दोपहर करीब 12 बजे कॉलेज पहुंची थी। वह छात्रसंघ कार्यालय में रुकी, जहां मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा ने उसे रुकने के लिए कहा। शाम 7:30 से 10:50 बजे के बीच, उसे जबरन कॉलेज के गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां मनोजीत ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि जैब और प्रोमित बाहर पहरा दे रहे थे। पीड़िता ने बताया कि मनोजीत ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे ठुकराने पर उसे पीटा गया और गार्ड रूम में घसीटा गया।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा, “मैंने उनके पैर छुए, गिड़गिड़ाई, लेकिन उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा। उन्होंने मुझे गार्ड रूम में जबरन ले जाकर कपड़े उतारे और दुष्कर्म किया।” उसने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया था और सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को बाहर बैठने का निर्देश दिया गया। पीड़िता ने दावा किया कि मनोजीत ने घटना का वीडियो बनाया और उसे वायरल करने की धमकी दी, साथ ही उसके बॉयफ्रेंड को मारने और माता-पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी।

मेडिकल और फोरेंसिक साक्ष्य

कस्बा थाने में 26 जून को दर्ज एफआईआर के आधार पर, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में किया गया। मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई, जिसमें जबरन प्रवेश, काटने के निशान, और नाखूनों से खरोंच के निशान पाए गए। पुलिस ने गार्ड रूम को सील कर दिया है और फोरेंसिक जांच के लिए साक्ष्य एकत्र किए हैं। आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं, जिन्हें फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है।

गिरफ्तारियाँ और कानूनी कार्रवाई

कोलकाता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 जून की शाम को मनोजीत मिश्रा और जैब अहमद को कस्बा में तलबगान क्रॉसिंग के पास गिरफ्तार किया, जबकि प्रोमित मुखोपाध्याय को 27 जून की सुबह उनके आवास से हिरासत में लिया गया। 28 जून को सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया गया, जो घटना के समय मौजूद था, लेकिन उसने कोई सहायता नहीं की। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में पिनाकी की मौजूदगी दर्ज है, लेकिन वह यह नहीं बता पाया कि उसने अपराध को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की।

तीनों मुख्य आरोपियों को 27 जून को अलीपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 1 जुलाई तक चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 127(2) (गलत तरीके से बंधक बनाना), 70(1) (सामूहिक दुष्कर्म), और 3(5) (अपराध में सामान्य इरादा) के तहत केस दर्ज किया गया है।

सुरक्षा गार्ड की भूमिका

पुलिस के अनुसार, पिनाकी बनर्जी ने अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरती। वह घटना के समय गार्ड रूम के बाहर था, लेकिन उसने न तो कॉलेज प्रशासन को सूचित किया और न ही पुलिस को जानकारी दी। पूछताछ में उसके जवाब असंतोषजनक पाए गए, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या वह उस समय अकेला था या अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।

टीएमसी और राजनीतिक विवाद

मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के तृणमूल कांग्रेस छत्र परिषद (टीएमसीपी) से संबंध ने इस मामले को राजनीतिक रंग दे दिया है। मनोजीत के सोशल मीडिया प्रोफाइल के अनुसार, वह टीएमसीपी की दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव और कॉलेज इकाई का पूर्व अध्यक्ष रह चुका है। विपक्षी दल बीजेपी ने टीएमसी पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया, जबकि टीएमसी ने मनोजीत से दूरी बनाते हुए कहा कि वह अब संगठन से जुड़ा नहीं है। टीएमसी ने बयान जारी कर घटना की निंदा की और कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी और पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में महिलाएँ सुरक्षित नहीं हैं। दूसरी ओर, टीएमसी की सांसद सागरिका घोष और छात्र परिषद के अध्यक्ष त्रिनांकुर भट्टाचार्जी ने इस मामले को राजनीति से जोड़ने का विरोध किया और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर 72 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, कोलकाता पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस मामले में अपुष्ट या भ्रामक सामग्री सोशल मीडिया पर साझा न करें।

कॉलेज की उप-प्राचार्य नयना चटर्जी ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी 27 जून की सुबह मिली। उन्होंने कहा कि मनोजीत को 45 दिन पहले अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था।

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