भारत के इन 4 शहरों में दौड़ेगी बुलेट से भी तेज ‘हाइपरलूप’, जानिए कितनी खास है यह ट्रेन

बुलेट से भी तेज हाइपरलूपनई दिल्ली। हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए दुनिया के 26,00 शहरों में से भारत के चार शहरों को चुना गया है। बता दें जनवरी में कंपनी ने ग्लोबल चैलेंज के तहत दुनिया भर में हाइपरलूप के लिए रूट की पहचान की जहां इसका सेटअप किया जा सके।

कंपनी ने पांच देशों को फाइनल किया है। इन पांच देशों में भारत अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, मैक्सिको और कनाडा जैसे देश भी शामिल हैं जहां हाइपरलूप का ट्रैक तैयार किया जा सकता है। गौरतलब है कि 26 आवेदन में सिर्फ 10 जगहों को चुना गया है।

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धीरे-धीरे आने वाले वक्त में ट्रेन के सफर के तरीके और समय में बड़ा बदलाव आ सकता है और ये संभव होगा हाइपरलूप तकनीक से। हाइपरलूप से लंबी दूरी कुछ ही मिनटों में तय की जा सकती है। अमेरीका की कंपनी टेस्ला और स्पेस एक्स ने मिलकर इसे शुरू किया है।

बता दें कि हाईपरलूप एक सील की ट्यूब की सीरीज होती है जिसके जरिए किसी भी टकराव और हवा के रूकावट के बिना लोगों को एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा कराई जा सकती है। इसमें ट्रेन की तरह ही जगह होगी।

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आप हाइपरलूप की तेजी का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि यह हवाई जहाज और बुलेट ट्रेन से भी फास्ट हो सकता है। अगर कॉन्सेप्ट असल जिंदगी में आया तो पैंसेंजर ट्यूब में पॉड के सहारे यात्रा कर सकते हैं। इस पॉड में मैग्नेटिक लेविएशन और कम फ्रिक्शन यूज किया जाएगा जिससे इसका मूवमेंट काफी फास्ट होगा।

भारत में अगर यह सेटअप ट्रैक लगाया गया और सफल परीक्षण हुआ तो बंगलुरू से चेन्नई की दूरी सिर्फ 23 मिनट में तय की जा सकेगा। आपको बता दें कि चेन्नई से बंगलुरू 334 किलोमीटर है।

मुंबई से चन्नई की दूरी 1102 किलोमीटर है और हाइपरलूप प्रोजेक्ट से यह सिर्फ 63 मिनट में तय की जा सकेगी। सबसे पहले 2012 में टेस्ला के फाउंडर एलोन मस्क ने इसका कॉन्सेप्ट रखा और तब से अभी तक इसका डेवलपमेंट चल रहा है।

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