ख़ुफ़िया गैंग का हुआ खुलासा , चवन्नी-अठन्नी में खरीदा डेटा…

आज के समय में आपका सोशल मीडिया के जरिये आपका पूरा डाटा लीक हो रहा हैं. जिसे दुसरे लोग बहुत ही कम कीमत में खरीद रहे हैं. देखा जाये तो सरकार भले ही निजी जानकारियों के लीक होने की बात को गलत बता रही हो , लेकिन वहीं एक चौकाने वाला मामला सामने आया हैं.

 

 

खबरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने अब तक कथित तौर पर कम प्रीमियम में हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराने के नाम पर 350 लोगों के साथ धोखाधड़ी की. पुलिस ने पिछले हफ्ते दो महिलाओं को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पूछताछ में हैरतअंगेज खुलासे किए हैं. ये महिलाएं कॉल सेंटर के कर्मचारियों से 5 पैसे से 50 पैसे प्रति कॉन्टैक्ट के हिसाब से ग्राहकों का डेटाबेस खरीदती थीं.

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जहां पिछले हफ्ते साइबर सेल ने एक नकली कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद पश्चिमी दिल्ली के विकास पुरी से सुमन लता (34) और ज्योति (33) को गिरफ्तार किया गया. डीसीपी (साउथ वेस्ट) देवेंद्र आर्य ने बताया हैं कि जब पुरानी नौकरी में अच्छा अप्रेजल नहीं मिला तो गैंग की कथित मुखिया सुमन ने हेल्थकेयर सर्विसेज बेचने के लिए फर्जी वेबसाइट्स बनाने का फैसला किया, ताकि लोगों को कम प्रीमियम पर इंश्योरेंस के नाम पर ठगा जा सके. वह पहले हेल्थकेयर सर्विसेज से जुड़े कॉल सेंटर में काम करती थी.

जहां पूछताछ में सुमन ने पुसिस को बताया कि उसने कई कॉल सेंटर्स के कर्मचारियों से संपर्क किया और पैसे के बदले लोगों की जानकारियां मांगी. मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ अफसर ने बताया हैं कि कर्मचारियों ने कॉल सेंटर्स के रिकॉर्ड से लोगों का डेटा चुराया और सुमन को दे दिया. उसने इन लोगों को हर कॉन्टैक्ट की जानकारी जैसे प्रॉपर्टी, गाड़ी और परिवार की प्रोफाइल के हिसाब से पैसे दिए’. अगर उन्हें कोई ऐसा शख्स मिलता, जिसकी आय ज्यादा है और परिवार का कोई शख्स अस्पताल में भर्ती है तो वह 50 पैसे तक देती थी. मिडिल क्लास वाले कॉन्टैक्ट्स के लिए कीमत 30 पैसे थी.

लेकिन वह कॉल सेंटर के कर्मचारियों से सार्वजनिक जगहों पर मिलती थी, जहां वे लोग पेन ड्राइव में कस्टमर्स का डेटा उसे देते थे. जानकारी को वेरिफाई करने के बाद वह उन लोगों को ऑनलाइन पेमेंट करती थी. कॉल सेंटर्स के कर्मचारियों की पहचान करने के लिए पुलिस अब उनकी बैंक ट्रांजेक्शन्स खंगाल रही है.

दरअसल पूछताछ में उसने बताया कि वह एक वेबसाइट डेवेलपर से मिली, जिसने कई कॉल सेंटर्स के लिए वेबसाइट्स तैयार की हैं. साथ ही एक टेलीकॉलर से भी, जो अंग्रेजी और हिंदी में अच्छा बोल सकती थी. उसने पहले http://www.rakshahealthcare.com नाम से साइट बनाई. इसके बाद http://www.paramountmax.com और http://www.apollohealths.com के नाम से. ये वेबसाइट्स देखने में एकदम असली लगती थीं और पैकेज में सभी मेडिकल खर्चे, टेस्ट, ऑपरेशन थियेटर चार्ज जैसी चीजें शामिल थीं.

 

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