होमगार्ड के वेतन घोटाले में जलाये गए दस्तावेज मामले में पुलिस ने शुरू की  कार्यवाई…

GREATER NOIDA

जिले में तैनात होमगार्ड के वेतन घोटाले में जलाये गए दस्तावेज मामले में पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एडीसी सतीश, 3 प्लाटून कमांडर शैलेन्द्र, मोंटू, और सतबीर सहित तत्कालीन होमगार्ड कमांडेन्ट राज नारायण चौरसिया को अपनी हिरासत में लेकर पूंछतांछ कर रही है। वही कई और होमगार्ड सहित अधिकारिओं पर शक के घेरे में है पुलिस का कहना है।

 

 

 

आपको बता दें कि सोमवार की देर रात ग्रेटर नॉएडा के थाना सूरजपुर स्थित कमांडेंट ऑफिस का ताला तोड़कर मस्टररोल (अटेंडेंस रजिस्टर) को एक बक्से में डालकर आग लगाई गई। बक्से में 2014 से अब तक के मस्टररोल रखे गए थे। कर्मचारी मंगलवार सुबह दफ्तर पहुंचे जिसके बाद इस घटना का पता चला और पुलिस अपनी जाँच में जुट गई। जिसके बाद पुलिस ने इन तीनो को अभीतक हिरासत में लिया हुआ जिनसे पूंछतांछ की जा रही है।

 

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घटना से पहले पुलिस की जाँच में सामने आया कि  आरोपिओ ने पहले रेकॉर्ड रूम का गेट का ताला तोड़ा। इसके बाद जिस बॉक्स में मस्टररोल रखे गए थे उसका ताला तोड़कर खोला गया। 2 अन्य अलमारियों का ताला तोड़कर भी मस्टररोल निकाले गए और उसी बक्से में डाल दिया। इसके बाद पूरे बक्से को आग के हवाले कर दिया। दोनों अलमारियों से कुछ बचे हुए मस्टररोल को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है। एक होमगार्ड ड्यूटी के समय एक कमरे में था। उसके गेट को बाहर से लॉक किया गया था। पुलिस ने पूछताछ के लिए उस होमगार्ड को भी हिरासत में लिया है।

एसएसपी ने कहा कि किस होमगार्ड की ड्यूटी थी और रात में आसपास के कमरे में कौन-कौन था, सबकी जांच हो रही है। शुरुआती जांच में पता चला कि आग लगाने वाला रेकॉर्ड से पूरी तरह से वाकिफ था। उसने 2 अलमारियों में से छांटकर केवल जांच से संबंधित मस्टररोल को ही बाहर निकाला। इसके बाद जिस बॉक्स में 2014 से अब तक के रेकॉर्ड रखे थे, उसकी भी जांच की। जांच से जुड़े मस्टररोल का पता चलने के बाद बक्से में सभी फाइलों को डाला और आग लगा दी। सुबह सूचना मिलने पर जब तक दमकल विभाग के कर्मचारी पहुंचे, पूरा रेकॉर्ड जल चुका था।

 

दरअसल आपको बता दें कि जिले में तैनात होमगार्डों की ड्यूटी थानों के अलावा ट्रैफिक पुलिस व प्रशासनिक दफ्तरों में लगाई जाती है। इसके लिए उन्हें 600 रुपये प्रतिदिन वेतन दिया जाता है। होमगार्ड विभाग के अधिकारी ड्यूटी पर जाने वाले जवानों का मस्टररोल तैयार करते हैं। इस पर संबंधित थाने के एसएचओ या ऑफिस के अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ मुहर लगती है। होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने फर्जी हस्ताक्षर व मुहर का इस्तेमाल करके मस्टररोल तैयार किए। इनमें असल तैनाती की जगह ज्यादा संख्या में होमगार्डों की ड्यूटी दिखाई गई। फर्जी तरीके से लगी ड्यूटी का जो वेतन मिला, उसका कुछ हिस्सा संबंधित होमगार्ड को देकर अधिकारियों ने डकार लिया। सूत्रों के अनुसार यह घोटाला कई वर्षों से चल रहा था।

वही होमगार्ड के प्लाटून कमांडर ने जुलाई में एसएसपी वैभव कृष्ण से फर्जीवाड़े के बारे में शिकायत की थी। एसएसपी के आदेश पर एसपी सिटी विनीत जायसवाल ने जांच की। जांच में पता चला कि मई और जून में 8 लाख रुपये के वेतन का घोटाला हुआ है। शासन से केस दर्ज करने की एसएसपी ने अनुमति मांगी तो शासन ने एक जांच कमिटी बनाकर भेज दी। पूरे प्रदेश में ऐसे मामले की जांच के प्रदेश के होमगार्ड मंत्री ने आदेश दे दिए। जिला पुलिस ने घोटाले से संबंधित कुछ दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे। सोमवार को भी कुछ दस्तावेज पुलिस ने कब्जे में लिए थे।

 

पुलिस के आलाधिकारिओं का कहना है कि कुछ दस्तावेज जलाने से जांच प्रभावित नहीं होगी। पेपर काफी ज्यादा थे, जिसके चलते सभी को एक साथ जब्त नहीं किया गया। जरूरत के अनुसार अधिकारियों ने कई बार में काफी दस्तावेज जब्त किए थे। होमगार्ड कमांडेंट ऑफिस से सोमवार शाम को भी कई दस्तावेज टीम ने जब्त किए थे। हमारे पास आरोपिओ को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कुछ दस्तावेज जलने से हमारी जांच किसी तरह प्रभावित नहीं होगी। इस इस मामले में पुलिस  आज  3बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी घटना का खुलासा करेगी।

 

 

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