आगरा: कुत्ते-बंदर काटने से मरीजों की भारी भीड़, 20% मामलों में दो से ज्यादा गंभीर जख्म; बच्चे-बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित

आगरा जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रोजाना करीब 400 मरीज यहां पहुंच रहे हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे और वृद्ध हैं। 80 प्रतिशत मामलों में एक जख्म मिल रहा है, जबकि 20 प्रतिशत में दो से अधिक गहरे घाव पाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के घुमंतू कुत्तों को हटाने के आदेश के बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर ये जानवर लोगों पर हमलावर हो रहे हैं।

जिला अस्पताल के एआरवी प्रभारी डॉ. मोहित बंसल ने बताया कि ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 400 मरीज आते हैं, जिनमें से लगभग 100 नए केस होते हैं और बाकी फॉलो-अप के लिए। कुत्ते के काटने पर मरीज को चार इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिसमें केवल एक बार पंजीकरण होता है। डॉक्टरों के अनुसार, 80 प्रतिशत मरीजों में एक ही जख्म होता है, लेकिन 20 प्रतिशत में दो या इससे अधिक गंभीर चोटें आ रही हैं, जिन्हें सीरम देकर इलाज किया जाता है।

कुल मामलों में 80 प्रतिशत कुत्ते के काटने से, 15 प्रतिशत बंदर के हमले से और शेष चूहे, बिल्ली व अन्य जानवरों से संबंधित हैं। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि कुत्ते-बंदर काटने के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एआरवी की सुविधा उपलब्ध है, जहां रोजाना 150 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

कुत्ते या अन्य जानवर के काटने पर तुरंत क्या करें:
जख्म को नल के नीचे रखकर साबुन से कम से कम 10 मिनट तक अच्छी तरह धोएं, फिर एआरवी लगवाएं। जख्म पर मिर्च या कोई तीखा पदार्थ न लगाएं, क्योंकि इससे रक्त संचार तेज होकर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पालतू कुत्तों का नियमित टीकाकरण कराएं और सार्वजनिक जगहों पर इन जानवरों से दूरी बनाए रखें।

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