बाराबंकी: बुजुर्गों को निशाना बना शातिर ठग गिरोह का पर्दाफाश, जनसेवा केंद्र पर सिम चुराकर UPI से लूट; 4 गिरफ्तार, लाखों का माल जब्त

बाराबंकी के कोठी कस्बे में बुजुर्गों को अपना शिकार बनाने वाले एक चालाक ठग गिरोह का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। गिरोह का तरीका बेहद शातिर था—वे जनसेवा केंद्र पर बुजुर्गों के मोबाइल से सिम निकाल लेते, फिर फर्जी सिम से उनके नाम पर UPI आईडी बनाते और बुरका पहनकर लखनऊ के एटीएम से रुपये उड़ा लेते। पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में गिरोह के चार सदस्यों को दबोच लिया। इस ठगी में अर्जित धन से खरीदी गई अकूत संपत्ति भी बरामद हुई है।

जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) अर्पित विजयवर्गीय ने रविवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का पूरा ब्योरा साझा किया। उन्होंने बताया कि अजोवा गांव के बुजुर्ग जगदीश शरण के बैंक खाते से 1.19 लाख रुपये की अवैध निकासी की शिकायत पर साइबर सेल और कोठी थाने की टीम ने जांच शुरू की। गहन पूछताछ और तकनीकी निगरानी के बाद गिरोह का पनेट्रेट किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में इनायतपुर निवासी रंजीत कुमार, कुतुबापुर निवासी सलीम, अजोवा निवासी नौमीलाल और नौबस्ता गांव के सिम विक्रेता हेमंत श्रीवास्तव शामिल हैं।

एसपी के अनुसार, गिरोह का सरगना रंजीत कुमार कोठी में पंजाब नेशनल बैंक के पास जनसेवा केंद्र संचालित करता था। वहां सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर बुजुर्गों को बुलाता। केंद्र पर पहुंचते ही नौमीलाल सहयोग करता, और रंजीत उनके मोबाइल फोन से मूल सिम निकालकर फर्जी सिम लगा देता। ये फर्जी सिम हेमंत श्रीवास्तव की दुकान से खरीदे जाते थे, जो दूसरे के नाम पर जारी किए जाते थे। गिरोह के सदस्यों में सलीम UPI आईडी बनाता, फिर बुरका पहनकर लखनऊ के एटीएम पर जाकर पैसे निकाल लेते। इस तरह बुजुर्गों के खातों से लाखों रुपये की ठगी की गई।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि बरामद सामान साइबर ठगी से कमाए धन से ही खरीदा गया था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 38 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, प्रिंटर, लाखों रुपये की मोबाइल एक्सेसरीज और 30 हजार रुपये नकद बरामद किए हैं। एसपी ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है, और साइबर ठगी रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बुजुर्गों से अपील की गई है कि जनसेवा केंद्रों पर सिम या बैंक डिटेल्स साझा न करें।

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